Kasganj: शादी के बंधन में बनेंगे 300 से ज्यादा जोड़े, बारात घर फुल
कासगंज, अमृत विचार: देवोत्थान पर्व के साथ ही वैवाहिक कार्यक्रमों का दौर शुरू हो जाएगा। देवोत्थान पर्व को सहालगों का महाकुंभ कहा जाता है। इस दिन अनसूझे विवाह भी होते हैं। सहालगों के महाकुंभ के प्रथम दिन शहर से लेकर गांव तक डोलियां उठेंगी, शहनाइयां बजेंगी। जिले में 300 से अधिक वैवाहिक कार्यक्रम होंगे।
शहर के वैवाहिक स्थल रोशनी से जगमग होंगे। देवोत्थान पर्व सहालगों का महाकुंभ है। युवक दूल्हा बनेंगे तो युवतियां दुल्हन बनेंगी। मान्यता है कि इस दिन ऐसे विवाह संपन्न किए जाते हैं, जिनके विवाह के लिए कोई शुभ तिथि नहीं निकलती है। इसी मान्यता के चलते देवोत्थान पर्व के दिन सबसे अधिक वैवाहिक कार्यक्रम होते हैं। शास्त्रों के अनुसार, देवी-देवता आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को सो जाया करते हैं और कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की एकादशी को उठते हैं।
चार माह का यह काल देवताओं का शयन काल कहलाता है। शास्त्रों के अनुसार जब देवता शयन अवस्था में होते हैं तो उस काल में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। देवताओं का शयन काल देवोत्थान एकादशी को समाप्त हो जाएगा। देव उठेंगे तो शुभ कार्यों का सिलसिला शुरू होगा। वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए दिन भर आयोजकों ने तैयारियां पूरी की हैं।
बारात घर और गेस्ट हाउस फुल
विवाह समारोह के लिए जनमासे के रूप में बारात घर, गेस्ट हाउस, लॉज आदि पहले से ही बुक करा रखें हैं। शहर में छोटे बड़े सहित लगभग 100 से अधिक विवाहिक स्थल हैं और यह सभी देवोत्थान पर्व विवाहिक कार्यक्रमों के लिए फुल हैं।आयोजक ने इन्हें महीनों पहले से ही बुक करा रखा है।
बैंड बाजे और हलवाई, कैटर भी नहीं खाली
देवोत्थान पर्व सहालगों का महापर्व कहा जाता है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जिले में तीन सौ से अधिक विवाहिक आयोजन है। आयोजकों द्वारा बैंड बाज, हलवाई और कैटर बुक कराए जा चुकें है। जिन परिवारों में शादी की तिथि हाल ही में तय हुई है, उन लोगों को बैंड बाजे, हलवाई, कैटर ढूंढे से नहीं मिल रहे हैं।
बारात के लिए बसों का भी टोटा
देवोत्थान पर्व पर बारातो के लिए बसों की भी व्यवस्था आयोजकों को करनी बहुत कठिन हो गई है। निजी बसों के संचालकों ने किराया भी बड़ा दिया है। वह मनमाने पैसे वसूल रहे हैं। इसके बावजूद भी बारात के लिए बसों का टोटा बना हुआ है। इतना ही नहीं चार पहिया गाड़ियां भी बुकिंग पर नहीं मिल पा रही है।
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