UP : विधानसभा उपचुनाव की मतगणना कल, राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप

UP : विधानसभा उपचुनाव की मतगणना कल, राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शनिवार को सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी। उपचुनाव के नतीजों का 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा में सरकार पर सीधा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन इसे हालिया लोकसभा चुनावों के बाद प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बीच पहली बड़ी टक्कर के रूप में देखा जा रहा है।

राज्य की मीरापुर (मुजफ्फरनगर), कुन्दरकी (मुरादाबाद), गाजियाबाद, खैर (अलीगढ), करहल (मैनपुरी), सीसामऊ (कानपुर नगर), फूलपुर (प्रयागराज), कटेहरी (अंबेडकरनगर) एवं मझवां (मिर्जापुर) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए 20 नवंबर को मतदान संपन्न हुआ।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार इन सभी नौ सीटों पर शनिवार सुबह आठ बजे से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना शुरू होगी। उपचुनाव के नौ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 90 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें 11 महिला प्रत्याशी हैं। शनिवार को मतगणना के बाद 90 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा। सबसे ज्यादा उम्मीदवार (14) गाजियाबाद से और सबसे कम (पांच-पांच) खैर और सीसामऊ से चुनाव लड़ रहे हैं। इस बीच अपनी-अपनी जीत के दावे करते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल एक-दूसरे पर चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं।

मतगणना की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर चुनावी प्रक्रिया में हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए कहा, ''इंडिया गठबंधन-समाजवादी पार्टी की सजगता व सक्रियता से जिस तरह हमारे मतदाताओं, समर्थकों, कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, नेताओं, उम्मीदवारों, समस्त पीडीए समाज व कुछ ईमानदार मीडियाकर्मियों ने भाजपा सरकार की चुनावी धांधली का डटकर सामना किया है, उसकी प्रशंसा हर ओर हो रही है। ये सक्रियता आगे भी जारी रहेगी और अपनी सरकार बनाएगी।''

समाजवादी पार्टी (सपा) मुख्यालय की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में यादव ने कहा, ''भाजपा का समर्थन करने वालों की संख्या दिन-पर-दिन गिरती जा रही है। जनता भाजपा को चुनना नहीं चाहती है, इसीलिए भाजपा भ्रष्ट शासन-प्रशासन-प्रचार तंत्र का दुरुपयोग करके सरकार में बने रहना चाहती है।''

सपा प्रमुख ने कहा, ''उम्मीद है कि धीरे-धीरे सबको ये समझ आ जाएगा कि चाहे नेता हों या अधिकारी, भाजपा सबको पहले लालच या अन्य किसी दबाव या भावनात्मक रूप से झांसा देकर गलत काम करवाती है फिर जब वो पकड़े जाते हैं, उनका निलंबन होता है, उन पर मुकदमा होता है, उनकी नौकरी जाती है या उनको जेल होती है या फिर समाज-परिवार अथवा विभाग में बदनामी होती है तो भाजपा उनसे अपना पल्ला झाड़ लेती है।'' उन्होंने आरोप लगाया, ''भाजपाई फंसानेवाले लोग हैं, बचाने वाले नहीं, भाजपा किसी की सगी नहीं है।''

उन्होंने सभी जागरूक उम्मीदवारों, कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, नेताओं, समर्थकों व समझदार आम जनता से अपील की है कि वे डटे रहें, अपने वोट की दिन-रात रक्षा करें व कल मतगणना के लिए पूरी तरह सावधान रहें और जीत का प्रमाणपत्र लेकर ही लौटें।

यादव ने दावा किया , ''हम नैतिक रूप से जीत चुके हैं, बस प्रमाणपत्र मिलना बाकी है।'' सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने बृहस्पतिवार को बरेली में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए दावा किया था कि उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा शासन-प्रशासन की मदद से बेईमानी किये जाने के बावजूद सपा की पांच-छह सीट पर जीत पक्की है।

उन्होंने कहा कि 2027 में सपा-इंडिया गठबंधन के सत्ता में आने पर भाजपा की मदद कर रहे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। सपा के महासचिव राम गोपाल यादव ने और भी गंभीर आरोप लगाते हुए भाजपा पर नतीजों में हेरफेर करने के लिए जिलों के अधिकारियों और पुलिस का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने उपचुनाव के नतीजों को रद्द करने की मांग की और अर्द्धसैनिक बलों की निगरानी में दोबारा मतदान कराने की मांग की।

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उपचुनाव में सभी नौ सीट पर जीत का दावा कर रहे अखिलेश यादव और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में उनके सहयोगी कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए ‘एक्स’ पर बृहस्पतिवार को कहा था, “2027 और 2029 के सत्ताधीश बनने का सपना देखने वाले दो अहंकारी नेताओं को जनता आईना दिखाएगी। उनका अहंकार और नकारात्मक राजनीति को देश कभी सफल नहीं होने देगा।”

मौर्य ने कहा, “देश को आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति नहीं, विकास चाहिए। जनता ने हमेशा सच्चाई, सेवा तथा विकास को चुना है और इस बार भी वही करेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व पर जनता का अटूट भरोसा है। भाजपा ही वर्तमान, भाजपा ही भविष्य।” उपचुनाव के लिए नौ सीटों पर 20 नवंबर को मतदान हुआ और तब समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक पहुंचने से रोक रही है।

शिकायत पर कार्रवाई करते हुए निर्वाचन आयोग ने पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की। राज्‍य के आठ विधानसभा सदस्यों के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद उनके इस्तीफे से रिक्त तथा कानपुर के सीसामऊ के (सपा) विधायक इरफान सोलंकी को (एक आपराधिक मामले में) सजा सुनाये जाने के बाद रिक्त कुल नौ सीटों पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी।

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में गाजियाबाद सदर, खैर और फूलपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था जबकि मझवां क्षेत्र में भाजपा की सहयोगी निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) ने जीत हासिल की थी। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने करहल, कुंदरकी, कटेहरी और सीसामऊ सीटें जीती थीं। इसके अलावा एक सीट मीरापुर तब सपा के सहयोगी रहे राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने जीती। रालोद अब भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का घटक दल है।

उप्र की 403 सदस्यीय विधानसभा में मौजूदा समय में सत्तारूढ़ भाजपा के 251, उसकी सहयोगी अपना दल (एस) के 13, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के आठ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह, निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के पांच सदस्य हैं। उधर राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के 105, कांग्रेस के दो, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बहुजन समाज पार्टी के एक सदस्य हैं।

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