ये है स्मार्ट सिटी का तुलसी पार्क....हालत हुई बद से बदतर, अब गंदगी के बीच आवारा कुत्तों का बसेरा

ये है स्मार्ट सिटी का तुलसी पार्क....हालत हुई बद से बदतर, अब गंदगी के बीच आवारा कुत्तों का बसेरा

बरेली, अमृत विचार: सिविल लाइंस की आवास विकास कॉलोनी में तुलसी पार्क की हालत यहां के लोगों को शर्मिंदा करने लगी है। लंबी अनदेखी से इस पार्क में अब पार्क जैसा कुछ नहीं रह गया है। महीनों से सफाई नहीं हुई है और गंदगी के बीच आवारा कुत्तों ने बसेरा बना लिया है। सबकुछ इतना उजड़ चुका है कि अब यहां कोई भूले से भी नहीं फटकता।

ज्यादा समय नहीं हुआ जब स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से इस पार्क का लाखों रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण कराया गया था। लेकिन सौंदर्यीकरण कराने के बाद नगर निगम के किसी अधिकारी या कर्मचारी ने इस पार्क की ओर मुड़कर नहीं देखा। रखरखाव ठप हुआ तो ओपन जिम की लाखों कीमत की मशीनें टूटकर बेकार हो गईं। अब ये मशीनें जंग खा रही हैं। बच्चों के खेलने के लिए लगाए गए उपकरण भी किसी लायक नहीं रह गए। दीवारों पर घटिया गुणवत्ता का प्लास्टर कराया गया था जो टूटकर झड़ गया।

पूरे पार्क में पेड़ों से झड़कर गिरे पत्तों का ढेर लग गए हैं। बेतहाशा गंदगी होने के बाद अब कई लोगों ने घरों का कूड़ा भी पार्क में ही फेंकना शुरू कर दिया है। कभी इस पार्क में सुबह से शाम तक चहलपहल रहती थी लेकिन पूरे दिन पार्क में सन्नाटा पड़ा रहता है। पार्क की चारदीवारी भी गंदी हो गयी है। पपड़ी छूटने के साथ दरारें भी बनी हैं। वॉकिंग पाथ सूखे पत्तों से भरा हुआ है। पार्क में जगह-जगह कुत्तों ने मिट्टी खोदकर गड्ढे कर दिए हैं। दोनों सरकारी नल खराब पड़े हैं। लोगों के बैठने के लिए बनाई गई लोहे और सीमेंट की बेंच जर्जर हो गई हैं।

शहर को साफ रखने के लिए टीमें तैनात हैं। आवास विकास कॉलोनी के तुलसी पार्क की जानकारी नहीं है। अगर वहां गंदगी फैली है तो पार्क की सफाई कराई जाएगी- संजीव कुमार मौर्य, नगर आयुक्त

पार्क में ओपन जिम का तीन साल का ठेका खत्म हो चुका है। गंदगी होने की जानकारी नहीं है। पार्क के सौंदर्यीकरण के लिए टाइल्स लगवाने के साथ कुछ काम कराए जाने हैं। नगर निगम को इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा है- पुष्पेंद्र माहेश्वरी, पार्षद वार्ड-32

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