बरेली: राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता में सीधे भाग ले सकेंगी कस्तूरबा स्कूल की छात्राएं

राज्य स्तरीय खेल यूनिट के रुप में मिली बा स्कूलों को मान्यता

बरेली: राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता में सीधे भाग ले सकेंगी कस्तूरबा स्कूल की छात्राएं

बरेली, अमृत विचार। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों को राज्य स्तरीय खेल यूनिट के तौर पर मान्यता दी गई है। इन स्कूलों की बालिकाएं अब सीधे राज्य स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगी। 

इस संबंध में प्रमुख सचिव  डा. एमके शन्मुगा सुंदरम ने पत्र जारी कर एक केजीबीवी एक खेल योजना लागू करते हुए इस योजना के तहत जिले के सभी बा स्कूलों की एक विशिष्ट टीम तैयार कराने का निर्देश दिया है। योजना के तहत स्कूलों की खेल विशेष से संबंधित योग्यता वाली बालिकाओं को एक ही बा स्कूल में रहकर एक साथ एक टीम के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। बालिकाओं को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी स्कूल में तैनात खेल शिक्षिकों को दी जाएगी। पूरे प्रदेश में इस योजना को लागू कराने का निर्देश दिया है। पहले चरण में प्रदेश के सभी जिलों में से दो स्कूलों में यह योजना लागू होगी। 

बालिकाओं की रुचि के मुताबिक होगा खेल का चयन 
प्रमुख सचिव की ओर से जारी तैयार रूपरेखा के अनुसार के स्कूलों में वार्डन की अध्यक्षता में व्यायाम शिक्षिका व क्रीड़ा प्रभारी के साथ खेल में रुचि रखने वाली दो अन्य शिक्षिकाओं व दो खिलाड़ी छात्राओं को शामिल करते हुए खेल समिति का गठन किया जाएगा। स्कूल में उपलब्ध खेल मैदान व अन्य खेल संसाधनों की उपलब्धता और छात्राओं की रुचि के अनुसार क्रीड़ा प्रभारी के नेतृत्व में विद्यालय की खेल समिति एक खेल का चयन करेगी।

खेल शिक्षिका को दी जाएगी जिम्मेदारी
स्कूल में चयनित खेल से संबंधित गतिविधियों को आयोजित करने का दायित्व विद्यालय की खेल शिक्षिका को दिया जाएगा। जरूरत के मुताबिक स्टेडियम या खेल स्थल का प्रयोग किया जा सकता है। तैयार रूपरेखा के मुताबिक विद्यालय स्तर पर अन्य खेल प्रतियोगिताओं के साथ- साथ विद्यालय स्तर पर चयनित खेल की प्रतियोगिताएं आयोजित कर छात्राओं में से उनकी रुचि, योग्यता व कौशल के अनुसार पूर्ण पारदर्शिता के आधार पर खिलाड़ियों का चयन कर उनकी खेल सामग्री की व्यवस्था सुदृढ़ करनी होगी।
  
खेल संघ और कॉरपोरेट समूहों से करना होगा समन्वय 
बालिकाओं के खेल प्रदर्शन में सुधार और प्रतियोगिताओं को लेकर जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों व उनके पदाधिाकरियों , खिलाड़ियेां से समन्वय स्थापित कर स्कूलों में खेलों का सफल आयोजन कराया जाएगा। इसके अलावा खिलाड़ियों के पोषण, खेल सामग्री व अन्य सुविधाओं को और बेहतर किया जा सके इसके लिए रेलवे, ओएनजीसी, एनटीपीसी आदि कॉरपोरेट समूहों के साथ भी समन्वय स्थापित करना होगा।  

3 माह तक प्रशिक्षण के दौरान चिन्हित स्कूल में रहेंगी खिलाड़ी
रूपरेखा के मुताबिक बालिकाओं को विशेष प्रशिक्षण शिविर के लिए अधिकतम 3 माह के लिए केजीबीवी (नोडल) में स्थानांतरित किया जाएगा। संबंधित नोडल केजीबीवी में बालिकाओं के रहने व भोजन की व्यवस्थाएं राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से ग्रांट से होगी। मानक के मुताबिक धनराशि कम पड़ने पर संबंधित केजीबीवी की अन्य मदों में बचत की धनराशि से की जाएगी।  

सभी जिलों के बीएसए को दिए गए निर्देश  
राज्य यूनिट प्रभारी बालिका शिक्षा  मुकेश सिंह ने बताया कि इस योजना को लेकर पहले से ही प्रयास किया जा रहा था, शासन की ओर से अनुमति मिल गई है। इस योजना से बालिकाओं का मार्ग प्रशस्त होगा । राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं में आसानी से प्रतिभाग करने का अवसर मिलेगा। इस संबंध में सभी बीएसए व अन्य अधिकरियों को पत्र भेज कर जरुरी निर्देश दे दिए गए हैं।

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