शाहजहांपुर: पहले खुदाई और अब गड्ढे वाली सड़कों का दंश झेल रहे शहरवासी
शाहजहांपुर, अमृत विचार: पहले सीवर लाइन के लिए सड़कें खोद कर डाली गईं और सालों तक शहरवासियों ने इसका दंश झेला। अब गड्ढे वाली सड़कें सिर दर्द बनी हुई हैं। लगभग एक साल से लोग गड्ढे वाली सड़कों से होकर गुजरने को मजबूर हैं। 24 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 दिन में सभी सड़कों के गड्ढे भरने के निर्देश दिए थे। इसके बाद लोगों को उम्मीद थी कि शायद अब सड़कों के गड्ढों से लोगों को आजादी मिल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
कब सड़कें गड्ढा मुक्त हुईं और कब दोबारा से गड्ढा युक्त हो गईं, पता ही नहीं चला। 30 सितंबर के आसपास सड़कें गड्ढामुक्त कराई गईं और 25 अक्टूबर के आसपास तमाम सड़कें फिर से ऊबड़-खाबड़ और गड्ढों से पट गईं। एक महीने भी लोगों को ठीक से गड्ढा मुक्त सड़कों से सफर करने का मौका नहीं मिला। अब फिर से महानगर की तमाम सड़कें बदहाल हो गई हैं। कुछ सड़कें एक माह तक भी ठीक से गड्ढामुक्त नहीं रहीं।
आंबेडकर पार्क के सामने वाली सड़क, घंटाघर के पास वाली सड़क, बहादुरगंज को जाने वाली सड़क, पचराहा, सदर बाजार थाने के पास, बहादुरगंज को जाने वाली सड़क, एसपी कॉलेज रोड, मोहनगंज मंदिर के सामने स्टेशन रोड सहित तमाम सड़कें ऐसी हैं जो वर्तमान में बदहाल हैं। गड्ढों से दोबारा भर गई हैं, लेकिन देखने वाला कोई नहीं है। अब इन सड़कों को देखकर लोग कहने लगे हैं कि क्या महानगर की सड़कें ऐसी ही होती हैं।
महानगर में सीवर लाइन डालने के दौरान तमाम सड़कों को खोद कर डाल दिया गया था। ऐसे में लगभग तीन साल तक लोग परेशान होते रहे। हाल ही में सीएम के आदेश पर गड्ढे भरे गए। अब फिर से हाल बेहाल हो गया है। कई सड़कों में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। गड्ढों की संख्या तो अनगिनत है। लगातार वाहन चलने के कारण हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। दो पहिया वाहन चालक परेशान होते रहते हैं। अक्सर ई-रिक्शा गड्ढे में जाने से अनियंत्रित होकर पलट जाते हैं। लोग जोखिम उठाकर इन गड्ढे वाली सड़कों से गुजरते हैं।
गुणवत्ता को लेकर उठते हैं सवाल
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के किए कार्यों की गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल उठते रहते हैं। मई में पुवायां विधायक चेतराम ने एक सड़क का निरीक्षण किया था। उन्होंने नई बनी सड़क को देखा तो पता चला कि गुणवत्ता बहुत ही खराब है। विधायक ने पेन से सड़क को उखाड़ा तो वह उखड़ने लगी। इसके बाद विधायक ने सड़क की जांच को लिखा था। हालांकि बाद में लोक निर्माण विभाग की ओर से खानापूर्ति कर दी गई।
इसी तरह महानगर में विभाग की ओर से बनाई गई कई सड़कों के निर्माण में गड़बड़ी देखने को मिली। एक ओर सड़कों का निर्माण हुआ और दूसरी ओर सड़कें धंसने लगी। इसके बाद भी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे थे। दूसरी ओर समय से पहले सड़कें उखड़ जाती हैं। इसको लेकर भी सवाल उठते रहते हैं।
वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री के आदेश पर सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया है। कई बार ट्रैफिक ज्यादा होने व कुछ अन्य कारणों से सड़कें उखड़ जाती हैं। कई बार खराब गुणवत्ता की वजह से भी सड़कें उखड़ती हैं। महानगर की सड़कें दोबारा क्यूं गड्ढों से भर गईं, यह दिखवाया जाएगा।
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