लखनऊ: 6 हजार स्कूलों में लगेंगी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, नकल रोकने के लिए यूपी बोर्ड करेगा आधुनिक तकनीक का उपयोग
सीसीटीवी, डीवीडी लगाने पर खर्च किए जाएंगे 25 करोड़ रुपये
लखनऊ, अमृत विचार। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा-2025 को फुलप्रूफ सुरक्षित बनाने के लिए यूपी बोर्ड अब आधुनिक तकनीक का उपयोग सेंटर पर करेगा। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर सीसीटीवी और संबंधित इलेक्ट्रानिक उपकरणों एवं साफ्टवेयर की मदद ली जाएगी। व्यवस्था ऐसी बनाई जा रही है कि परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूम में अनधिकृत रूप से घुसते ही बोर्ड के मुख्यालय प्रयागराज और लखनऊ के कमांड कंट्रोल सेंटरों पर तैनात अधिकारियों के पास अलर्ट संदेश जाएगा।
इसके लिए कुल 25 करोड़ रुपये खर्च कर 6,000 विद्यालयों को इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस से लैस किया जाएगा। हालांकि, यूपी बोर्ड पहले भारी-भरकम खर्च को देखते हुए अपने प्रस्ताव पर पीछे हट रहा था। इलेक्ट्रानिक उपकरणों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से प्रश्न पत्रों और कॉपियों की सुरक्षा में प्रतिवर्ष का यह व्यय बोर्ड को अधिक लग रहा था, लेकिन इसे लेकर कम खर्च में प्रस्ताव पर सहमति बन जाने के बाद अब इसे अमली जामा पहनाने की तैयारी है। इसे लेकर जल्दी ही बैठक हो सकती है, जिसमें सभी बिंदुओं पर विचार-विमर्श के बाद प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि बोर्ड ने विद्यालयों में पहले से मौजूद सीसीटीवी कैमरे, डीवीआर, राउटर, ब्राडबैंड आदि की स्थिति और संख्या की जानकारी मांगी है। इसके बाद ही महानिदेशालय को प्रस्ताव भेजा गया है कि विद्यालयों में पहले से मौजूद इन उपकरणों का उपयोग किया जाए तो खर्च में कटौती हो सकती है। अब इसके लिए समिति का गठन किया जाएगा और दीपावली के बाद इसकी बैठक संभावित है।
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