बहन का बनाया फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र, बीमा वालों से हड़पे 21.66 लाख, अस्पताल कर्मी ने की मदद, जाने पूरा मामला
लखनऊ, अमृत विचार: बाराबंकी स्थित मेयो अस्पताल कर्मियों की मिलीभगत से बहन का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर बीमा के 21.66 लाख रुपये हड़पने वाले भाई को हसनगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी की मां ने एचडीएफसी म्युचअल फंड में निवेश किया था। जिसमें बेटी को नॉमिनी बनाया था। मां की मौत के बाद रुपये हड़पने के लिए आरोपी भाई ने फर्जी कागज तैयार कराए थे। अगस्त 2023 में भाई की करतूत सामने आने पर बहन ने हसनगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई था।
इंस्पेक्टर हसनगंज जितेश कुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को डालीगंज ठठेरी बाजार निवासी गौरव गुप्ता को पकड़ा गया। उसके खिलाफ कानपुर शतरंजी मोहल्ला निवासी बहन गरिमा गुप्ता ने 16 अगस्त 2023 ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उस दौरान वह परिवार संग डालीगंज में रहती थी। गरिमा ने पुलिस को बताया था कि मां प्रेमा गुप्ता ने एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट के जरिए म्युचअल फंड में निवेश किया था। करीब 18 पोर्टफोलियो में से 15 में गरिमा नॉमिनी थी। वहीं, 3 पोर्टफोलियो में प्रेमा गुप्ता ने बेटी गरिमा के साथ बेटे गौरव को नॉमिनी बनाया था। इंस्पेक्टर ने बताया कि 1 नवंबर 2011 को चौक स्थित न्यू मेट्रो हॉस्पिटल में मां प्रेमा का निधन हुआ था। जिसके बाद से ही गौरव सम्पत्ति हड़पने के लिए साजिश रच रहा था।
आरोपी ने वर्ष 2015 में उत्तराधिकार हासिल करने के लिए न्यायालय में वाद दायर किया था। इस दौरान गौरव ने बहन गरिमा गुप्ता की मौत 21 फरवरी 2015 में होने का दावा किया। साथ ही बाराबंकी गदिया स्थित मेयो मेडिकल हॉस्पिटल कर्मियों की मदद से तैयार कराया गया फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया था। गौरव ने बहन गरिमा गुप्ता के अविवाहित होने की बात भी न्यायालय के समक्ष कही थी। उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र हासिल करने के बाद आरोपी ने मां के म्युचअल फंड में जमा करीब 21.66 लाख भी अपने अकाउंट में ट्रांसफर कराए थे। इंस्पेक्टर जितेश सिंह ने बताया कि गरिमा की शादी पांच फरवरी 2013 में कानपुर शतरंजी मोहल्ला निवासी आलोक गुप्ता के साथ हुई थी। जांच के दौरान पता चला कि गौरव कई संदिग्ध गतिविधियों में भी शामिल रहा है। आशंका है कि आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर इसी तरह अन्य ठगी भी की है।