पीलीभीत: गोवंश की दुर्दशा का शोर मचा तो देवीपुरा गोशाला पहुंचे डीएम, सचिव को नोटिस

डीएम निरीक्षण के निरीक्षण में खुल गई जिम्मेदारों के दावों की पोल

पीलीभीत: गोवंश की दुर्दशा का शोर मचा तो देवीपुरा गोशाला पहुंचे डीएम, सचिव को नोटिस

पीलीभीत, अमृत विचार। देवीपुरा गोशाला में मृत गोवंश की द़ुर्दशा से जुड़े फोटो और वीडियो वायरल होने के बाद बीडीओ की ओर से ये तर्क दिया गया था कि  टीम को भेजकर व्यवस्था दुरुस्त करा दी गई है। इसकी पोल दूसरे ही दिन डीएम के निरीक्षण के दौरान खुलकर सामने आ गई।  अव्यवस्था मिलने पर डीएम ने प्रधान पर पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्रवाई करने और संबंधित सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।

अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यकर्ता मंगलवार दोपहर को देवीपुरा गोशाला पहुंचे थे। परिसर में बमुश्किल दाखिल होने के बाद जब उनकी नजर मृत गोवंश पर पड़ी तो दंग रह गए थे। बताते हैं कि मृत गोवंश को ऐसे ही गड्ढों में डाल दिया गया था, उन पर ऊपर से मिट्टी भी नहीं डाली गई थी। इसके वीडियो और फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। जिसके बाद देर शाम बीडीओ मरौरी की ओर से सीडीओ को अवगत कराया गया था कि गड्ढों पर मिट्टी डलवा दी गई है। ये भी बताया था कि मृत गोवंश करीब दो माह पूर्व दफनाए गए थे। मृत गोवंश को छह फिट गहरे गड्ढे में दफनाया जाना चाहिए था, लेकिन उन्हें तीन फिट गहरे गड्ढे में दफना दिया गया था।  जल स्तर कम होने पर गोवंश के शव दिखने की बात कही गई थी। ये भी कहा था कि उन्हें ठीक से दफना दिया गया है। उचित मात्रा में मिट्टी भी डलवा दी गई है। दूसरे दिन बुधवार को डीएम संजय कुमार सिंह खुद देवीपुरा गोशाला पहुंचे और वहां की व्यवस्थाएं परखी। ब्लॉक और पशुपालन विभाग  के अधिकारी भी थे। 

गोवंश ठीक से नहीं दफनाये
इस दौरान सामने आया कि मृत गोवंश दफनाये तो जा चुके थे लेकिन अभी भी उन पर मिट्टी मानक के अनुरूप नहीं डाली गई थी। निरीक्षण के समय उपस्थित सचिव एवं ग्राम प्रधान को निर्देशित किया गया कि मृत गोवंश पर मिट्टी मानक के अनुरूप डाली जाए। बीडीओ मरौरी और डिप्टी सीवीओ सदर को नियमित रूप से गोशालाओं का निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए गए। डीएम ने नाराजगी जताते हुए ग्राम प्रधान के विरूद्ध पंचायती राज अधिनियम 1947 की धारा 95(1)(छ) के तहत कार्यवाही करने और ग्राम पंचायत सचिव को कारण बताओ नोटिस निर्गत करते हुए विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश जिला पंचायत राज अधिकारी को दिये।