मुरादाबाद : नगर निगम की नई पहल, एसटीपी के शोधित जल से किया जाएगा वायु प्रदूषण पर नियंत्रण

स्प्रिंकलर से होगा छिड़काव, वायु गुणवत्ता बेहतर रखने के लिए सड़कों व पेड़ पौधों पर छिड़का जाएगा पानी

मुरादाबाद : नगर निगम की नई पहल, एसटीपी के शोधित जल से किया जाएगा वायु प्रदूषण पर नियंत्रण

मुरादाबाद, अमृत विचार। महानगर में सड़कों पर उड़ती धूल से वायु प्रदूषण के नुकसान से लोगों बचाने की नगर निगम ने नई पहल की है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के शोधित जल का छिड़काव सड़कों व पेड़ पौधों पर किया जाएगा। वहीं इससे जल संरक्षण को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इससे महानगर के लोगों को वायु प्रदूषण से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा। नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने महानगर में वायु गुणवत्ता बेहतर कराने के लिए कदम बढ़ाया है। उन्होंने सड़कों पर उड़ती धूल व वाहनों के प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए एसटीपी से शोधित जल का छिड़काव कराने के लिए कहा है। स्प्रिंकलर से पानी का छिड़काव सड़कों व पेड़ों पर किया जाएगा।

निर्माण कार्यों में लापरवाही पर सख्ती के साथ ही नगर आयुक्त बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भी गंभीर हैं। उन्होंने दशहरे पर पुतला दहन, सड़कों के टूटे होने से उड़ रही धूल से वायु प्रदूषण के बढ़ते सूचकांक को नियंत्रित करने के लिए उपाय करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सर्दी में तापमान में असंतुलन व महानगर में वायु गुणवत्ता बेहतर रखने के लिए सड़कों पर धूल न उड़े इसके लिए स्प्रिंकलर मशीन के माध्यम से मुख्य मार्गों पर पानी का छिड़काव कराने के लिए कहा है।

यह पानी शोधित जल होगा। नगर निगम के पर्यावरण अभियंता अभिषेक कुमार ने बताया कि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के अलावा जल संरक्षण को भी प्राथमिकता है। सड़कों व पेड़-पौधों पर छिड़काव के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) द्वारा शोधित जल (ट्रिटेड वाटर) का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए 2 एमएलडी क्षमता का रिजर्व बॉयर (वाटर स्टोरेज टैंक) बनाया गया है। इसकी सहायता से वाटर स्प्रिंकलर द्वारा मुख्य मार्गों पर पानी का छिड़काव कराया जाएगा। इसी जल से वाहनों की धुलाई भी होगी। सड़कों के अलावा पेड़ों पर भी पानी का छिड़काव कराया जाएगा।

लोगों को धूल से होती है दिक्कत
सड़कों पर उड़ रही धूल से लोगों को दिक्कत होती है। विशेषकर सांस व दमा के मरीजों की मुश्किल बढ़ जाती है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ चेस्ट फिजिशियन डॉ. प्रवीण शाह ने बताया कि इस समय वायु प्रदूषण बढ़ने की संभावना अधिक रहती है। अधिक यातायात वाले क्षेत्रों में जाने से बचने का प्रयास करना चाहिए। धूल मिट्टी वाले जगहों पर न जाएं। जाएं तो नाक को ढक कर रखें। उन्होंने बताया कि सांस व दमा के मरीजों को ठंड में कोहरे व धूल से अधिक दिक्कत होती है। इसलिए वह अपने चिकित्सक के संपर्क में रहकर दवा की डोज बढ़वा सकते हैं। सर्दी व कोहरे के दौरान बहुत सुबह खुले में मार्निंग वाक करने से बचें।

कांशीराम नगर में सर्वाधिक 166 एक्यूआई
महानगर में इन दिनों वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक अधिक होने से लोगों को इससे संबंधित परेशानियां भी हो रही हैं। शुक्रवार की रात 8 बजे महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़ा रहा। ट्रांसपोर्ट नगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 107 पीजीएम (प्रति घन मीटर), बुद्धि विहार में 140, जिगर कॉलोनी में 120, कांशीराम नगर में सर्वाधिक 166, ईको हर्बल पार्क क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक 119 और सेवायोजन कार्यालय क्षेत्र में 119 रहा।

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