धोखाधड़ी का खेल : Retired Professor समेत आठ लोगों से 9.40 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
लखनऊ, अमृत विचार : साइबर जालसाजों ने रिटायर्ड प्रोफेसर समेत आठ लोगों से 9.40 करोड़ रुपये की ठगी की। जालसाजों ने स्टॉक ट्रेडिंग, शेयर मार्केट में निवेश, होटल बुकिंग के नाम पर रुपये वसूले। रिटायर्ड प्रोफेसर से ठगी के लिए जालसाजों ने अमेरिका के कैलिफोर्निया और फ्लोरिडा के नंबरों का प्रयोग किया। उनसे 7,69,74,429 रुपये की ठगी की। सभी पीड़ितों ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सीतापुर रोड एल्डिको इरनिया निवासी रिटायर्ड प्रोफेसर राजीव रंजन शरण ने साइबर बताया कि सितंबर माह में उनको वाट्सग्रुप SBI Securities VIP में जोड़ा गया। जिसमें एसबीआई का Logo लगा था। ग्रुप एडमिन मीरा मोरगन थी। मीरा ने शेयर मार्केट इन्वेशमेंट के बारे में जानकारी व सुझाव दिया। इसक बाद एक अन्य ग्रुप में जोड़ा गया। जो जिरोधा मार्केट डीडी क नाम से था। इसकी एडमिन गीतिका आंनद थी। इसके बाद गीतिका ने दो नंबर के द्वारा इन्वेशमेंट से अच्छा मुनाफा कमाने का लालच दिया। इन नंबरों में एक अमेरिका के कैलिफोर्निया (California) और दूसरा फ्लोरिडा (Florida) का था। आरोप है कि जालसाजों ने उनसे 17 सितंबर से 6 दिसंबर के बीच में 7,69,74,429 रुपये ट्रांसफर कराये। यह रकम करीब एक दर्जन खातों में ट्रांसफर कराये गये। जब निकासी का प्रयास किया तो सर्विस चार्ज और अन्य तरह के टैक्स की मांग की। इस पर मना कर दिया। तो खाता ब्लॉक कर दिया।
इसी तरह इंदिरानगर थानाक्षेत्र अंतर्गत सेक्टर-14 निवासी भूपेंद्र तिवारी ने बताया कि उनकी पत्नी नीतू तिवारी मेसर्स गर्विता इन्फ्रास्ट्रक्चर एसोसिएट (M/s Garvita Infrastructure Associate) के संचालिका हैं। उनके पिता भवन निर्माण करा रहे हैं। इसके लिए सरिया खरीदारी करनी थी। गूगल पर बाम्बे ट्रेडिंग कंपनी की डिटेल मिली। कंपनी के सेल्स मैनेजर श्रीकांत मिश्र से संपर्क किया । सरिया का आर्डर दिया। इसके बदले में तीन खातों में 7,57,100 रुपये जमा कराये। 22 दिसंबर को उनको उज्जीवन स्माल फाइनेंस बैंक लि. बंगलौर से कॉल आने पर ठगी का पता चला। पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। वहीं, नेहरू इन्क्लेव निवासी निधि त्रिपाठी के मुताबिक 28 सितंबर को इंस्टाग्राम चला रही थी। एक स्टॉक ट्रेडिंग के संबंध में विज्ञापन देखा। लिंक क्लिक करने पर एक आवेदन भरवाया गया। इसके बाद जिरोधा वैल्यू एडेड प्रोग्राम में जोड़ लिया गया। उनसे ट्रेडिंग के नाम पर सात से 25 अक्टूबर के बीच 19 लाख रुपये खाते में जमा करा लिये गये।
इसी तरह विशेस्वर नगर, आलमबाग की रानो श्रीवास्तव से जालसाजों ने शेयर ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे का लालच देकर 19 नवंबर से 19 दिसंबर के बीच में कुल 15.25 लाख रुपये जालसाजों ने अपने खाते में ट्रांसफर करा लिये। शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए उन्होंने मुथुट फाइनेंस में जेवर को गिरवी रखकर रकम लोन कराई थी। उधर, हुसैनगंज के वीरनगर निवासी राहुल केसरवानी से जालसाजों ने पार्ट टाईम वर्क के नाम पर 14 से 24 सितंबर के बीच में 6,78,733 ठग लिये। इसके लिए साइबर ठगों ने वेबसाइट पर होटल की बुकिंग कराने के नाम पर कमीशन का लालच दिया था। ठगी रकम मनीषा गुप्ता, विमल गुप्ता, सागर शर्मा, जयदीप, सचिन गुप्ता, सद्दाम, नुफैल, मनीष रायगर के खाते में जमा कराये गये।
72 दिन में 47 खातों में जमा कराये 36.83 लाख रुपये
रजनीखंड शारदानगर निवासी राकेश कुमार दीक्षित के मुताबिक उनके साथ ऑन लाइन ट्रेडिंग के नाम पर 36,83,950 रुपये ठग लिये गये। जालसाजों ने 14 अगस्त को उनके मोबाइल पर कॉल कर निवेश करने का झांसा दिया। 3 सितंबर से 14 नवंबर के बीच करीब 72 दिन के अंदर 47 बैंक खातों में यह रकम ट्रांसफर कराई गई। इस रकम के निवेश के बदले में खाते में लाभ के साथ 76,66,616 रुपये दिखने लगा। राकेश ने बताया कि एक बार किसी तरह 1,55,269 रुपये खाते में वापस किया। इसके बाद से रकम नहीं मिली।
बीमा पॉलिसी में मुनाफे का झांसा देकर ठगे 34.24 लाख
रायबरेली रोड स्थित एल्डिको उद्यान निवासी 53 वर्षीय गजानन पांडेय के मुताबिक मार्च 2021 में 3 साल के लिए पीएनबी मेट लाइफ की 3.18 लाख रुपये में बीमा पॉलिसी ली थी। पॉलिसी पेपर घर आया तो उसमें 3 साल की जगह 7 साल लिखा था। इसपर पीड़ित ने अगली किस्त देने से मना कर दिया। 3 दिसंबर को एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को बीमा लोकपाल से जसवंत गिल होने की बात कही। बीमा कंपनी पीएनबी मेट लाइफ एनओसी मांग रही है। कहा कि पॉलिसी को डेड करने के संबंध में पत्र दिया है। मना करने पर पूरी रकम मुनाफे के साथ वापस दिलाने का झांसा दिया। कई बार में 34,24,452 रुपये खातों में ट्रांसफर करा लिये।
ट्रेडिंग का अनुबंध कर ठगे 51.06 लाख
राजाजीपुरम ए-ब्लॉक निवासी अहिन भट्टाचार्य ने बताया कि जालसाजों ने उ नको डेक्स-ट्रेड नाम के ऑन लाइन ट्रेडिंग ग्रुप में जोड़ा। इसके बाद उनसे शुरू में कुछ छोटी रकम निवेश कराई। जिसका मुनाफा दिया। इसके बाद दो अनुबंध किया।एक अनुबंध तीन ट्रेडिंग और दूसरा पांच ट्रेडिंग का था। ट्रेडिंग के लिए क्रिप्टोकरेंसी विश्लेषक को 30 प्रतिशत कमीशन देने की बात कही। साथ ही उनसे 51,06,000 रुपये केरल के पांच खातों में ट्रांसफर कराये। जब रकम निकालने का प्रयास किया तो खाते को ही ब्लॉक कर दिया। इंस्पेक्टर साइबर क्राइम बृजेश कुमार यादव के मुताबिक पीड़ितों की रिपोर्ट दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
Digital Arrest कर ऐंठे 18.20 लाख
रेलवे के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक समेत दो लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके साइबर जालसाजों ने 18.20 लाख रुपये ठग लिए। दिल्ली पुलिस और सीबीआई अधिकारी बनकर जालसाजों ने मनी लांड्रिंग और वारंट का डर दिखाकर फंसाया। पीड़ितों ने इस संबंध में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इंस्पेक्टर साइबर थाना बृजेश कुमार यादव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
अर्जुनगंज स्थित ओमेक्स रेजीडेंसी निवासी रेलवे के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक कमल कुमार ने बताया कि 6 दिसंबर को एक कॉल आई। फोनकर्ता ने कहा कि आपका मोबाइल नंबर गैरकानूनी कार्यों में प्रयोग हो रहा है। दिल्ली में इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज है। इसके बाद पीड़ित की कॉल ट्रांसफर कर दी गई। दूसरे व्यक्ति ने अपना परिचय इंस्पेक्टर कनॉट प्लेस नई दिल्ली के रूप में दिया। बताया कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज है। इसके बाद पीड़ित की कॉल 7 दिसंबर को एक बार और ट्रांसफर कर दी गई। बात करने वाली महिला ने खुद को सीबीआई की डीसीपी नवजोत सिमी बताया। उसने पीड़ित के खाते में मौजूद रुपयों की जांच की बात कहकर 12 लाख रुपये दबाव बनाकर ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद अन्य संपत्ति की जानकारी लेकर उनके शेयर 90 लाख रुपये में बिकवा दिए। उनमें से 40 लाख रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा। 13 दिसंबर को पीड़ित आरटीजीएस के लिए बैंक पहुंचा। प्रक्रिया में समय लगा और रुपये ट्रांसफर नहीं हो सके। 14 और 15 दिसम्बर को बंद थी। इसी बीच पीड़ित ने परिवार से बात की तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ। 16 दिसम्बर को फिर से साइबर जालसाजों ने पीड़ित को डरा धमका कर रुपये ट्रांसफर करने का दबाव बनाया। लेकिन पीड़ित ने इस बार रुपये ट्रांसफर नहीं किए।
वहीं, गोमतीनगर के विक्रांत खंड-2 निवासी रेनू वर्मा ने पुलिस को बताया कि 18 दिसंबर को एक व्हाट्सएप कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण(ट्राई) का अधिकारी बताया। पीड़िता से कहा कि उनके मोबाइल नंबर के खिलाफ दिल्ली पुलिस में रिपोर्ट दर्ज है। उनका मोबाइल नंबर ब्लॉक किया जाएगा। दिल्ली पुलिस की जांच के बाद नंबर ऑन किया जाएगा। इसके बाद पीड़िता की बात वीडियो कॉल पर एक व्यक्ति से कराई गई। उसने खुद को दिल्ली पुलिस में तैनात डीसीपी राजवीर कुमार बताया। कहा कि उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हो गया है। पीड़िता का झांसा दिया गया कि उनके नाम से दिल्ली में बैंक ऑफ बड़ौदा में खुले अकाउंट के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। अब पीड़िता के बैंक अकाउंट में मौजूद रुपयों की जांच ईडी करेगी। वहां से क्लीयरेंस मिलने पर पीड़िता को छोड़ा जाएगा। जांच के नाम पर पीड़िता से 6.20 लाख रुपये साइबर जालसाजों ने ट्रांसफर करा लिए।
यह भी पढ़ें- Lucknow News : 48 घंटे के भीतर भाकियू नेता के घर से 10 लाख रुपये के गहने चोरी, प्राथमिकी दर्ज