भगवान की मूर्तियों को नष्ट करने वाले आरोपी को हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

भगवान की मूर्तियों को नष्ट करने वाले आरोपी को हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरेली के एक मंदिर में भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्तियों को नष्ट करने तथा मंदिर के पुजारी की हत्या का प्रयास करने वाले आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि इस तरह के अपराधों को समाज में पनपने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। ऐसे लोगों के प्रति समुदाय और लोगों की भावनाओं को व्यापक नुकसान पहुंचाने की कीमत पर नरम रुख नहीं अपनाया जा सकता है। ऐसे अपराध जो लोगों या समुदायों के बीच नफरत को बढ़ावा देते हैं, उन्हें सख्ती से रोकने की आवश्यकता है।

उक्त आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की एकलपीठ ने आरोपी शाहरुख को जमानत देने से इनकार करते हुए पारित किया। याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि अभियुक्त को मामले में झूठा फंसाया गया है और वह जुलाई 2024 से जेल में निरुद्ध है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। जमानत पर रिहा होने पर वह भागने और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास नहीं करेगा। हालांकि सरकारी अधिवक्ता ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोपी को भगवान शिव सहित अन्य विग्रहों को नष्ट करते हुए देखा है।

अभियुक्त पर इस वर्ष सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्तियों को नष्ट करने का आरोप है, साथ ही सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के उद्देश्य से आरोपी और उसके सह- आरोपियों ने मंदिर के पुजारी पर चाकू से हमला किया। सभी आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 298, 299, 302, 109 (1) और 61(2) के तहत पुलिस स्टेशन इज्जत नगर, बरेली में मामला दर्ज किया गया था।

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