हल्द्वानी: ताक पर शहरवासियों की जान, बारूद के ढेर पर शहर

हल्द्वानी: ताक पर शहरवासियों की जान, बारूद के ढेर पर शहर

हल्द्वानी, अमृत विचार। दीपावली का त्योहार नजदीक है और शहर में जगह-जगह पटाखों की शक्ल में बारूद का ढेर लग रहा है। नियम के तहत आ रहे पटाखों के बीच भारी मात्रा में अवैध तरीके से पटाखे बिक्री के लिये लाये जा रहे हैं। बावजूद इसके अभी तक पटाखों की जांच के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

बिना लाइसेंस पटाखों की बिक्री अवैध है। शहर में ऐसे 12 लाइसेंस होल्डर हैं, जो पटाखों के होल सेलर हैं। जबकि अस्थायी लाइसेंस धारकों के लिए हर साल लाइसेंस जारी किए जाते हैं। अस्थायी लाइसेंस वाले अपने हिसाब से पटाखों की खरीद और बिक्री करते हैं। हालांकि नियमों के तहत यह दुकानदार भी एक तय सीमा से अधिक पटाखे नहीं रख सकते। होल सेलर को भी अलग-अलग क्षमता वाले लाइसेंस जारी किए जाते हैं।

सबसे ज्यादा 5 हजार किग्रा क्षमता का लाइसेंस रामपुर रोड स्थित पटाखा दुकान संचालित करने वाले थोक विक्रेता का है। इसके अलावा दो थोक विक्रेताओं को 12.50 किग्रा, तीन दुकानदारों को 200-200 किग्रा और छह थोक कारोबारियों को 100-100 किग्रा पटाखा बिक्री का स्थायी लाइसेंस दिया गया है। अगर स्थायी दुकानदारों के पास मौजूद क्षमता की बात करें तो वह 6 हजार किग्रा से ज्यादा बारूद रख सकते हैं और नियम के तहत इतना बारूद शहर में जगह-जगह मौजूद है। सूत्रों के अनुसार जीएसटी चोरी करके भी भारी मात्रा में पटाखे शहर पहुंच चुके हैं और इन्हें खपाया भी जा रहा है।

ऐसे में किसी हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता। इधर, सुरक्षा को देखते हुए दमकल विभाग ने पटाखा गोदामों की जांच शुरू कर दी है। सीएफओ गौरव किरार का कहना है कि आबादी के बीच पटाखा गोदाम पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। तय गोदामों में जांच की जा रही है। जहां सुरक्षा इंतजाम पूरे नहीं हैं, उन्हें निर्देशित किया गया है।

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