बरेली: किसान दिवस...छुट्टा पशु, बंदर और चीनी मिलें सबसे बड़ा सिरदर्द

किसान दिवस में अफसरों के सामने किसानों ने गिनाईं समस्याएं

बरेली: किसान दिवस...छुट्टा पशु, बंदर और चीनी मिलें सबसे बड़ा सिरदर्द

बरेली, अमृत विचार। तमाम आश्वासनों के बाद भी गांवों में छुट्टा पशुओं के फसलों को नष्ट करने की समस्या तो खत्म नहीं हो पाई, अब बंदरों ने भी किसानों को परेशान करना शुरू कर दिया है। विकास भवन सभागार में बुधवार को आयोजित किसान दिवस में किसानों ने अफसरों के सामने यह समस्या रखी। इसके साथ गन्ने का भुगतान न होने और खाद की कालाबाजारी के मुद्दे पर भी गुस्सा जताया।

जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में आयोजित किसान दिवस में पहले पिछले किसान दिवस में रखीं गई शिकायतों के निस्तारण पर बिंदुवार जानकारी दी गई। इसके बाद किसानों ने समस्याएं रखीं। नवाबगंज क्षेत्र से आए किसान छेदालाल ने चीनी मिल से निकलने वाली मैली किसानों को न मिलने का मामला उठाया। कहा, अब चीनी मिलों में पेराई चालू होने से पहले ही मैली का ठेका हो जाता है। मैली खरीदकर उसका गुल्ला बनाया जाता है इसलिए किसानों को खेत में डालने के लिए मैली नहीं मिल पाती।आंवला क्षेत्र से आए एक किसान ने छुट्टा पशुओं की समस्या उठाई। उन्होंने कहा कि हर बैठक में अफसर छुट्टा पशुओं से निजात दिलाने का आश्वासन देते हैं लेकिन यह दिक्कत तो अब तक खत्म नहीं हुई, अब बंदरों का भी आतंक बढ़ता जा रहा है। बंदर तो छुट्टा पशुओं से भी ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं। फसलों को नष्ट करने के साथ घरों में भी घुस जाते हैं। बहेड़ी के वीरेंद्र ने गन्ना भुगतान न होने पर गुस्सा जताया। कहा, 14 दिन में भुगतान का नियम है, लेकिन साल भर बाद भी भुगतान नहीं हो पा रहा है। बैठक में मौजूद चीनी मिल के जीएम ने अक्टूबर और नवंबर में 40-40 करोड़ और अवशेष भुगतान 20 दिसंबर तक करने का वादा किया। नवाबगंज शुगर मिल ने भी अक्टूबर तक सारा भुगतान करने का भरोसा दिलाया। जिलाधिकारी ने किसानों को आश्वस्त किया कि मिलों ने वादे के मुताबिक भुगतान न किया तो उसके जिम्मेदार अधिकारियों को जेल भेजा जाएगा।

बहेड़ी के ही सीताराम ने बताया कि उनके नजदीक बैंक होने के बावजूद गन्ने का भुगतान दूर वाली बैंक में आता है। डीएम ने जिला गन्ना अधिकारी को समस्या का समाधान कराने का निर्देश दिया। सीताराम ने डीएपी की कालाबाजारी का भी मुद्दा उठाया। कहा, साेसाइटी पर 1350 की डीएपी है, लेकिन बाहर 15 सौ रुपये की बेची जा रही है। बहेड़ी सोसाइटी पर खाद न होने की समस्या उठाई। एक किसान ने मृदा परीक्षण की रिपोर्ट सही न दिए जाने की शिकायत की। सीडीओ जग प्रवेश, कृषि विभाग, बिजली विभाग, सिंचाई विभाग, उद्यान विभाग, नलकूप विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।

किसानों को बताया, कैसे कमाएं ज्यादा मुनाफा
किसान दिवस में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. रंजीत कुमार ने किसानों को खेती की नई तकनीक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रबी सीजन में गन्ना बुवाई के बाद बीच की दो लाइनों में सह फसलों के रूप में सरसों, मटर, मसूर, चना की बुवाई कर ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी ने तिलहनी फसलों में बुवाई के समय सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग करने का सुझाव दिया। कहा, गन्ना आदि दूसरी फसलों में डीएपी की जगह एनपीके प्रयोग करने से ज्यादा फायदा होगा।