चंदन हत्याकांड : बयानों से मुकर गया गवाह विशाल ठाकुर, केस में आया नया मोड़ 

लखनऊ के एटीएस, एनआईए कोर्ट में हुई गवाही में बदले बयान

चंदन हत्याकांड : बयानों से मुकर गया गवाह विशाल ठाकुर, केस में आया नया मोड़ 

कासगंज, अमृत विचार: तिरंगा यात्रा के दौरान कासगंज शहर में हुए बावल में एक युवक की जान चली गई। यह मामला पूरे देश में तूल पकड़ा रहा। चंदन की मौत के बाद आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की गई। कासगंज शहर में कर्फ्यू जैसे हालात रहे। उस समय चंदन के साथ तिरंगा यात्रा में शामिल रहे उसके मित्र ने पहले की अपेक्षा अब अपने बयानों में बदलाव कर दिया है। एटीएस एनआईए कोर्ट लखनऊ में गुरुवार को अपने बयान बदल दिए हैं, जिससे मामले में नया मोड़ आ गया है और चंदन के परिवार के लोग भी चिंतित नजर आए हैं।

वर्ष 2018 में 26 जनवरी को कासगंज शहर में कुछ युवा तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे। शहर के मुहल्ला हुल्का में जब युवा वंदे मातरम और भारत माता की जयकार करते हुए मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में पहुंचे तो यहां नोकझोंक खो गई और मुस्लिम पक्ष की ओर से पथराव किया गया था, जिससे कुछ युवाओं को चोटें आईं। वे अपनी बाइक के मौके पर छोड़कर भाग कर थाने की ओर पहुंचे।

यहां थाने में युवाओं ने जमकर हंगामा किया और वंदे मातरम कहते हुए मुस्लिम बाहुल्य इलाके तहसील रोड पर गप्पू के चौराहे की ओर बढ़े। युवाओं की टोली में शामिल अभिषेक गुप्ता और चंदन को गोली लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। फिर क्या था देखते ही देखते पूरे शहर में बवाल शुरू हो गया। शहर से दंगा होने लगा। जगह-जगह आगजनी हुई। पथराव होता रहा।

आसपास जिलों के अलावा उत्तर प्रदेश के कई जॉन के पुलिस के अधिकारी भी कासगंज जिले में बुला लिए गए। आरएएफ और सीआरपीएफ की टीमें लगा दी गई। लोगों ने घरों से निकलना बंद कर दिया। जब मामला काफी तूल पकड़ गया तो शासन ने प्रशासन की संस्तुति के आधार पर मोबाइल सेवा भी बंद कर दी। मामला जब धीमे-धीमे शांत हुआ और आरोपी मुस्लिम समुदाय के लोग जेल भेजे गए तो फिर पुलिस ने अग्रिम वैधानिक कार्रवाई शुरू की।

इस मामले में विशाल ठाकुर जो चंदन का दोस्त है और जिसकी बाइक पर चंदन तिरंगा रैली में शामिल हुआ। उसने चंदन के पक्ष में गवाही दी थी। वह एफआईआर में मुख्य गवाह बना था, लेकिन जब अब मामला एटीएस,एनआईए कोर्ट लखनऊ में विचाराधीन है और यहां के सुनवाई हो रही है तो इस बीच एक बड़ा मोड इस केस में आ गया है। विशाल ठाकुर ने अपने बयान बदल दिए हैं।

बयानों में विशाल ने स्पष्ट किया है कि वह न तो ईंट पत्थर चलाने वाले को पहचानता है न जानता है। वह सिर्फ कोतवाली तक सीमित रहा और अस्पताल में उसके कोई हस्ताक्षर भी नहीं हैं। उसने चंदन को अस्पताल में दाखिल भी नहीं किया था।

चर्चा में रहा था विशाल ठाकुर
इस घटना में विशाल ठाकुर सबसे अधिक चर्चा में रहा था। विशाल ठाकुर ने चंदन के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए मैदान-ए-जंग का ऐलान किया था और आंदोलन में भी सहभागिता निभाई थी। जब भी कभी इस मामले में जुड़ा विवाद सामने आया तो विशाल का नाम पहले सामने आता रहा। अब लोगों की जुबां पर यह सवाल है कि आखिर विशाल क्यों अपने बयान से मुकर गया।

मेरे साथ हो रही है नाइंसाफी
पता नहीं मेरे साथ यह नाइंसाफी क्यों हो रही है? विशाल ठाकुर जो चंदन का बहुत अच्छा मित्र है। उसने चंदन के हित में हमेशा संघर्ष किया। आज उसने अपने बयान बदल दिए, जो भी हो मैंने ईश्वर पर भरोसा किया है और जीत सिर्फ सच्चाई की होगी। चंदन की हत्यारों को न्यायालय से सजा मिलेगी। यह मेरा भरोसा है । जो लोग अपने बयान बदल रहे हैं। कहीं न कहीं वह बिक चुके हैं। सुशील गुप्ता, चंदन गुप्ता के पिता

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