दक्षिणी वियतनाम के चिड़ियाघरों में बर्ड फ्लू का प्रकोप, 12 से अधिक बाघों की मौत

दक्षिणी वियतनाम के चिड़ियाघरों में बर्ड फ्लू का प्रकोप, 12 से अधिक बाघों की मौत

हनोई (वियतनाम)। दक्षिणी वियतनाम के एक चिड़ियाघरों में बर्ड फ्लू से संक्रमित होने के बाद 12 से अधिक बाघ मारे गए जिनके अवशेषों को जला दिया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सरकारी मीडिया ‘वीएनएक्सप्रेस’ ने बिएन होआ शहर में वुन जोई चिड़ियाघर के संरक्षक के हवाले से बताया कि पशुओं को पास के फार्म से लाई गईं मुर्गियां खाने के लिए दी गई थी। मारे गए पशुओं में पैंथर और कई शावकों सहित 20 बाघ शामिल थे, जिनका वजन 10 से 120 किलोग्राम के बीच था। उनके अवशेष को चिड़ियाघर परिसर में जलाने के बाद दफना दिया गया। 

चिड़ियाघर के प्रबंधक न्गुयेन बा फुक ने कहा, ‘‘बहुत जल्द बाघों की मौत हो गई। वे बहुत कमजोर लग रहे थे और उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया था। बीमार पड़ने के दो दिन बाद ही उनकी मौत हो गई।’’ बाघों से लिए गए नमूनों की जांच में एच5एन1 वायरस की पुष्टि हुई है। इसी वायरस के कारण ‘बर्ड फ्लू’ का संक्रमण फैलता है। सबसे पहले 1959 में वायरस की पहचान हुई थी और यह प्रवासी पक्षियों एवं मुर्गियों के लिए अत्यधिक घातक खतरा बन गया। हाल के वर्षों में एच5एन1 कुत्तों और बिल्लियों से लेकर सील मछली और ध्रुवीय भालुओं तक कई जानवरों में पाया गया है। 

वैज्ञानिकों ने पाया है कि बाघों में यह वायरस मस्तिष्क पर हमला करता है, रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और उनमें थक्का बनाता है, जिससे दौरे पड़ते हैं और पशुओं की मृत्यु हो जाती है। करीब 20 से अधिक बाघों को पृथक-वास में निगरानी में रखा गया है। चिड़ियाघर में शेर, भालू, गैंडे, दरियाई घोड़े और जिराफ समेत करीब 3,000 अन्य पशु हैं। बाघों की देखभाल कर रहे 30 कर्मियों में ‘बर्ड फ्लू’ की पुष्टि नहीं हुई है और उनके स्वास्थ्य की स्थिति सामान्य है। 

डब्ल्यूएचओ ने शुरू की डेंगू से लड़ने के लिए वैश्विक योजना 
जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने डेंगू और अन्य मच्छर-जनित बीमारियों से निपटने के लिए एक वैश्विक रणनीतिक तैयारी, तत्परता और प्रतिक्रिया योजना (एसपीआरपी) शुरू की है। यह जानकारी एक बयान में शुक्रवार को दी गई। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अनुमान है कि विश्व में चार अरब लोगों को आर्बोवायरस से संक्रमण का खतरा है और यह संख्या 2050 तक बढ़कर पांच अरब होने का अनुमान है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि डेंगू अब 130 से अधिक देशों में व्याप्त है। एसपीआरपी के लिए एक सफल प्रतिक्रिया देने के लिए आवश्यक पांच प्रमुख घटकों में शामिल हैं: आपातकालीन समन्वय, सहयोगी निगरानी, महामारी विज्ञान विश्लेषण, प्रयोगशाला निदान और क्षेत्रिय जांच। इस योजना को सितंबर 2025 तक एक वर्ष के लिए लागू किया जाएगा और स्वास्थ्य तैयारियों, तत्परता और प्रतिक्रिया प्रयासों का समर्थन करने के लिए 5.5 करोड़ अमरीकी डालर की आवश्यकता होगी।

ये भी पढे़ं : श्रीलंका पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर, जोरदार हुआ स्वागत...शीर्ष नेतृत्व से करेंगे मुलाकात 

ताजा समाचार

55 प्रतिशत लोग जी रहे अनहेल्दी लाइफ, KKC में चिकित्सा स्वास्थ्य मेले हुआ खुलासा
NHM:इन हजारों कार्मिकों को सैलरी के अलावा हर महीने मिलेंगे 15 हजार, मिशन निदेशक ने जारी किये निर्देश
कासगंज: व्यापारियों की सुरक्षा और सम्मान के लिए संकल्पित है प्रदेश की सरकार -कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह
हॉकी इंडिया लीग की सात साल बाद वापसी, पहली बार महिला लीग भी होगी 
Kanpur: करोड़ों की ठगी का मामला: बुजुर्ग को जवान बनाने वाली मशीन की होगी जांच, पुलिस ने सीएमओ को भेजा पत्र
अयोध्या: सोहावल टोल प्लाजा पर सपाई ने किया धर्मेन्द्र यादव का जोरदार स्वागत, सपा सांसद बोले- समाजवादी कर रहे हैं संविधान की सुरक्षा