बदायूं: दहेज हत्या के दोषी ससुर को सात साल का कारावास, 24 हजार जुर्माना
मुकदमा के विचारण के दौरान एक आरोपी माया देवी की हो गई थी मौत
बदायूं, अमृत विचार। महिलाओं के खिलाफ अपराध के त्वरित न्यायालय के न्यायाधीश सौरभ सक्सेना ने 15 साल पुराने दहेज हत्या के मामले में आरोपी ससुर को दोषी पाते हुए सात साल कारावास और 24 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष के एडीजीसी मुनेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार थाना इस्लामनगर क्षेत्र के गांव नसरोल निवासी परमेश्वरी प्रसाद शर्मा ने दो नवंबर 2009 को थाना फैजगंज बेहटा पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी बेटी अर्चना शर्मा की शादी 16 फरवरी 2007 को गांव मुड़िया धुरेकी निवासी रविंद्र कुमार शर्मा उर्फ संजीव शर्मा के साथ हुई थी। शादी में लगभग डेढ़ लाख रुपये नकद के अलावा सोने की चेन, अंगूठी, घड़ी, कपड़े, बाइक आदि दिए थे। जिसके बाद डेढ़ लाख रुपये और खर्च किए थे लेकिन बेटी का पति रविंद्र शर्मा, सास माया देवी, ससुर दिनेश शर्मा आदि दान दहेज से खुश नहीं थे। वह चार पहिया वाहन की मांग करने लगे। मांग पूरी न होने पर शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न करने लगे। एक नवंबर 2009 की रात एक बजे परमेश्वरी प्रसाद को सूचना मिली कि उनकी बेटी अर्चना मर गई है। सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंचे। अर्चना शर्मा के शरीर पर नीले निशान थे। गले पर नाखून के निशान थे। पुलिस ने आरोपी पति, सास व ससुर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके विवेचना की। साक्ष्य संकलित करके सास माया देवी, ससुर दिनेश शर्मा के खिलाफ दहेज हत्या सहित विभिन्न धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया। जिसके बाद से मामला कोर्ट में विचाराधीन था। बाद में न्यायालय ने 21 अप्रैल 2014 को दिए गए आदेश में पति रविंद्र शर्मा को भी विचारण के लिए तलब किया। जिसमें उसके पति के उपस्थित न होने की वजह से पत्रावली अलग कर दी गई। न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करते हुए एडीजीसी मुनेंद्र प्रताप सिंह और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद ससुर दिनेश चंद्र शर्मा को सात साल की सजा सुनाई। एक आरोपी माया देवी की मुकदमा के दौरान मौत हो चुकी है।