Kanpur: सुरेंद्र मैथानी ने इस टैक्स को बताया जनता की जेब पर डाका...सांसद रमेश अवस्थी बोले- मैं भी कर चुका विरोध

Kanpur: सुरेंद्र मैथानी ने इस टैक्स को बताया जनता की जेब पर डाका...सांसद रमेश अवस्थी बोले- मैं भी कर चुका विरोध

कानपुर, अमृत विचार। बिना किसी अधिनियम, नियम व उपविधि या शासनादेश के नगर निगम द्वारा वसूले जा रहे नामांतरण शुल्क का विरोध तेज हो गया है। पूर्व पार्षदों के साथ कई मौजूदा पार्षदों ने साफ कह दिया है कि विशेष सदन बुलाकर इस मसले पर निर्णय नहीं लिए जाने तक जनता नामांतरण शुल्क नहीं चुकाए। इस बीच भाजपा के जनप्रतिनिधयों ने प्रदेश भर में नामांतरण को लेकर एक नीति बनाने की मांग बुलंद कर दी है। 

नगर निगम 7 कारणों के आधार पर नामांतरण शुल्क वसूल कर रहा है। अभिलेखों में दर्ज स्वामी की मृत्यु पर निगम नामांतरण के एवज में 5 हजार रुपये शुल्क लेता है। इसमें 500 रुपये पब्लिकेशन के अलग से वसूल करता है। फैमिली सेटलमेंट, पंजीकृत वसीयत डीड तथा न्यायालय के आदेश वाले मामलों में यह नियम लागू करता है। 

उधर, पंजीकृत विक्रय, पंजीकृत उपहार डीड, पंजीकृत हिबा (दान) के केस में नगर निगम डीएम सर्किल रेट का 1 फीसदी वसूल कर रहा है। इसके साथ पब्लिकेशन चार्ज भी लेता है। यदि नामांतरण कराने में देरी की जाए तो विलंब शुल्क अलग से वसूला जाता है। इसका ही जमकर विरोध हो रहा है।

पुरानी प्रॉपर्टी खरीदने वाले प्रॉपर्टी में अपना नाम दर्ज कराने को लेकर 1 फीसदी टैक्स जमा करने को मजबूर हैं। नगर निगम में रोज दर्जनों आवेदक नामांतरण कराने को लिए पहुंच रहे हैं, यदि देरी से नामांतरण के लिये आवेदन किया गया है, तो लोगों को हर्जाना भी देना पड़ रहा है। नामांतरण में देरी पर एनुअल रेंटल वैल्यू (एआरवी) के अनुसार नगर निगम विलंब शुल्क वसूल करता है।  

मैं अब जब भी मुख्यमंत्री से मिलूंगा। नामांतरण मुद्दे पर बात रखूंगा। यह सीधे जनता की जेब पर डाका है। जो शासनादेश में नहीं है और जिसका कोई नियम नहीं है वह शुल्क कैसे नगर निगम ले सकता है। - सुरेंद्र मैथानी, विधायक भाजपा

हम लोग जनता के लिये काम कर रहे हैं। नामांतरण शुल्क वसूलने का यदि कोई नियम नहीं है तो जनता पर अतिरिक्त दबाव क्यों है। मैंने पहले भी इसका विरोध किया है। नगर आयुक्त से भी जवाब मांगा है। - रमेश अवस्थी, सांसद, भाजपा

विशेष सदन के लिए अभियान

पूर्व पार्षद फोरम ने बुधवार को नामान्तरण शुल्क व बढ़े गृह कर के साथ एरियर की वसूली वापस लेने के लिये नगर निगम का विशेष सदन बुलाने के लिए पार्षद अंजुली दीक्षित, संतोष साहू व पार्षद अखिलेश वाजपेयी को पत्र दिया।

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