Kanpur: आचार्य पवन तिवारी ने बताया- क्या है नवरात्र का महत्व?...यहां जानें त्योहार को मनाने का मुख्य उद्देश्य

Kanpur: आचार्य पवन तिवारी ने बताया- क्या है नवरात्र का महत्व?...यहां जानें त्योहार को मनाने का मुख्य उद्देश्य

कानपुर, अमृत विचार। हमारी चेतना के अंदर सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण- तीनों प्रकार के गुण व्याप्त हैं। प्रकृति के साथ इसी चेतना के उत्सव को नवरात्रि कहते है। इन 9 दिनों में पहले तीन दिन तमोगुणी प्रकृति की आराधना करते हैं, दूसरे तीन दिन रजोगुणी और आखरी तीन दिन सतोगुणी प्रकृति की आराधना का महत्व है ।

दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती ये तीन रूप में माँ की आराधना करते हैं। माँ सिर्फ आसमान में कहीं स्थित नही हैं, ऐसा कहा जाता है कि "या देवी सर्वभुतेषु चेतनेत्यभिधीयते" अर्थात "सभी जीव जंतुओं में चेतना के रूप में ही माँ/देवी तुम स्थित हो"

नवरात्रि माँ के अलग अलग रूपों को निहारने और उत्सव मानाने का त्यौहार है। जैसे कोई शिशु अपनी माँ के गर्भ में 9 महीने रहता हे, वैसे ही हम अपने आप में परा प्रकृति में रहकर ध्यान में मग्न होने का इन 9 दिन का महत्व है। वहाँ से फिर बाहर निकलते हैं तो सृजनात्मकता का प्रस्सपुरण जीवन में आने लगता है।

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नवरात्रि का आखिरी दिन - विजयोत्सव

आखिरी दिन फिर विजयोत्सव मनाते हैं क्योंकि हम तीनो गुणों के परे त्रिगुणातीत अवस्था में आ जाते हैं। काम, क्रोध, मद, मत्सर, लोभ आदि जितने भी राक्षशी प्रवृति हैं उसका हनन करके विजय का उत्सव मनाते है। रोजमर्रा की जिंदगी में जो मन फँसा रहता हे उसमें से मन को हटा करके जीवन के जो उद्देश्य व आदर्श हैं उसको निखार ने के लिए यह उत्सव मनाया जाता है। 

एक तरह से समझ लीजिये की हम अपनी बैटरी को रिचार्ज कर लेते है। हर एक व्यक्ति जीवनभर या साल भर में जो भी काम करते-करते थक जाते हे तो इससे मुक्त होने के लिए इन 9 दिनों में शरीर की शुद्धि, मन की शुद्धि और बुद्धि में शुद्धि आ जाए, सत्व शुद्धि हो जाए इस तरह का शुद्धिकरण करने का, पवित्र होने का त्यौहार नवरात्रि है।

नवरात्रि का मुख्य उद्देश्य क्या है?

नवरात्रि व्रत का मूल उद्देश्य है- इंद्रियों का संयम और आध्यात्मिक शक्ति का संचय। वस्तुत: नवरात्र अंत:शुद्धि का महापर्व है। आज वातावरण में चारों तरफ विचारों का प्रदूषण है। ऐसी स्थिति में नवरात्र का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।

नवरात्रि के 9 रंग

नवरात्रि के नौ दिनों में नौ अलग-अलग रंगों के वस्त्र धारण करने का विशेष महत्व है।  प्रत्येक रंग देवी के एक विशिष्ट रूप से जुड़ा है और भक्तों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है। 

आपने देखा होगा कि बहुत से लोग अपने घर के दरवाजे पर या घर मंदिर में या फिर कार और दूसरी गाड़ियों पर 9 रंग के कागज और कपड़े से बने पताके टांगते हैं। ये केवल सुंदरता और आकर्षण बढ़ाने या फैशन के लिए नहीं होता है। 

हिन्दू धर्म में इसका गहरा धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है। नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि त्योहार में देवी दुर्गा के नौ विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दौरान भी 9 दिनों में 9 रंगों के वस्त्र धारण कर देवी मां की पूजा का विशेष अर्थ है। 

नवरात्रि के 9 रंग

नवरात्रि के दौरान रंगों का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह भक्तों को देवी के विभिन्न रूपों के साथ जोड़ता है। प्रत्येक रंग देवी के एक विशेष गुण को दर्शाता है और भक्तों को उस गुण को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।  प्रत्येक रंग का अपना एक अलग अर्थ और महत्व होता है। इन रंगों को धारण करने से देवी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 

पहला दिन: 3 अक्टूबर, 2024

नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम रूप मां शैलपुत्री की पूजा होती है। 3 अक्टूबर को गुरुवार का दिन होने के कारण पीले रंग के वस्त्र धारणकर देवी मां की पूजा से लाभ होगा। पीला रंग आशा और प्रसन्नता का प्रतीक है।
 
दूसरा दिन: 4 अक्टूबर, 2024

4 अक्टूबर को देवी मां के दूसरे दिव्य रूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा हरे रंग के वस्त्र पहन करें। हरा रंग प्रकृति का प्रतीक है और विकास, उर्वरता, शान्ति और स्थिरता की भावना उत्पन्न करता है। शुक्रवार को हरे रंग के कपड़े पहनकर देवी मां की पूजा जीवन में एक नई शुभ शुरुआत कर सकता है।

तीसरा दिन: 5 अक्टूबर, 2024

नवरात्रि के तीसरे दिन यानी शनिवार 5 अक्टूबर को माता रानी के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की आराधना स्लेटी रंग के कपड़े पहन कर करने से व्यक्ति न केवल व्यावहारिक बनता है बल्कि उसका स्वभाव भी सहज और सरल हो जाता है।

चौथा दिन: 6 अक्टूबर, 2024

रविवार 6 अक्टूबर को देवी दुर्गा के चौथे दिव्य रूप मां कुष्माण्डा की पूजा नारंगी रंग के वस्त्र धारण कर करें। इससे जीवन में स्फूर्ति और उल्लास बढ़ता है। साथ ही आत्मविश्वास और मनोबल में दृढ़ता आती है।

पांचवां दिन: 7 अक्टूबर, 2024

सोमवार 7 अक्टूबर को देवी मां की कृपा पाने के लिए उनके पंचम दिव्य रूप स्कंदमाता की आराधना सफेद वस्त्र धारण कर करें। यह रंग मन को शांत रखता है।

छठा दिन: 8 अक्टूबर, 2024

मंगलवार 8 अक्टूबर को देवी मां के छठे दिव्य रूप मां कात्यायिनी की पूजा लाल रंग के वस्त्र पहन करें और माता को भी लाल चुनरी अर्पित करें। इससे जीवन में नई शक्ति और साहस का संचार होता है।

सातवां दिन: 9 अक्टूबर, 2024

नवरात्रि के सातवे दिन यानी बुधवार 9 अक्टूबर को माता रानी के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की आराधना गहरे नीले के कपड़े पहन कर करने से व्यक्ति को अतुलनीय आनन्द की अनुभूति होती है। इससे जीवन समृद्धि के साथ शांति भी मिलती है।

आठवां दिन: 10 अक्टूबर, 2024

बृहस्पतिवार 10 अक्टूबर को गुलाबी रंग के वस्त्र धारण कर देवी मां के आठवें दिव्य रूप मां महागौरी की पूजा करने से व्यक्तित्व में आकर्षण पैदा होता है। घर की सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

नौवां दिन: 11 अक्टूबर, 2024

नवरात्रि के नवें और अंतिम दिन देवी दुर्गा एक दिव्य रूप मां सिद्धिदात्री की आराधना बैंगनी रंग से करने पर देवी मां की कृपा से जीवन में भव्यता और राजसी ठाट-बाट में बढ़ोतरी होती है।

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