अयोध्या: गैर इरादतन हत्या में तीन आरोपी दोषी करार, सजा पर सुनवाई कल

अयोध्या: गैर इरादतन हत्या में तीन आरोपी दोषी करार, सजा पर सुनवाई कल

अयोध्या, अमृत विचार। गैर इरादतन हत्या के एक मामले में कोर्ट ने तीन लोगों को दोषी पाते हुए न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया। सजा के प्रश्न पर सुनवाई एक अक्टूबर को होगी। फैसला फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय रवि कुमार गुप्ता की अदालत से सोमवार को हुआ।

फौजदारी के वरिष्ठ अधिवक्ता सईद खान एडीजीसी कौशल कुमार चतुर्वेदी, श्रीधर मिश्रा ने बताया कि घटना 14 नवंबर 2021 समय 7:30 बजे शाम की है। मवई थाना क्षेत्र के सैदपुर मजरे खरिका का रहने वाला भोलानाथ खेत की सिंचाई कर रहा था। लाठी डंडा से लैस होकर उसके गांव के अमर बहादुर, विशाल, कैलाश और अंकित वहां पहुंचे और रास्ते में बिछी पाइप को हटाने के लिए कहने लगे। पाइप न हटने से नाराज होकर सभी ने भोलानाथ के पिता गया बख्श को लाठी डंडों से पीटा। 

भोलानाथ बचाने गया तो उसे भी पीटा। शोर पर काफी लोग इकट्ठा हो गए। तब सब गाली देते हुए भाग गए। परिजन गया बक्स को जिला चिकित्सालय ले गए, वहां से उनकी हालत को गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जहां पहुंचने पर डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसकी रिपोर्ट सभी चार लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में लिखाई गई थी। कैलाश की मौत हो गई। इसलिए उसके खिलाफ मुकदमा समाप्त कर दिया गया। अन्य को सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोषी पाया।

जानलेवा हमले में चार सगे भाइयों को 10 साल की सजा 
जानलेवा हमले के मामले में कोर्ट ने दोषी पाते हुए चार सगे भाइयों  को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया है। सब पर 64 हजार जुर्माना भी हुआ है। फैसला अपर जिला जज प्रेम प्रकाश की अदालत से सोमवार को हुआ। एडीजीसी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि घटना 2 फरवरी 2012 की है। कर्मडाडा पूरे बसौली गांव के रहने वाले सरजू प्रसाद तिवारी दिन में 10 बजे अपनी दुकान पर बैठे थे। उनके गांव के तिलकराम, राजेंद्र, सदानंद व राजेश चारों सगे भाई दुकान पर आए और खाद फेंकने के विवाद को लेकर उसे लाठी डंडा से मरने लगे। उसको बचाने के लिए भागवतदीन, अनिल, संदीप आए तो उन लोगों को भी मारा पीटा। गंभीर अवस्था में इंद्रेश को इलाज के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया। यहां कुछ दिन इलाज के बाद वह ठीक हुए। इसकी रिपोर्ट चारों लोगों के खिलाफ अपराधिक मानव वध के प्रयास की धारा में लिखाई गई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सजा दी।

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