कासगंज: ऑक्सीजन प्लांट की सांसे जारी रखने को ऑपरेटर की जरूरत...

60 लाख की लागत से बना था आक्सीजन प्लांट,अब सांसे भगवान भरोसे

कासगंज: ऑक्सीजन प्लांट की सांसे जारी रखने को ऑपरेटर की जरूरत...

कासगंज, अमृत विचार। भले ही कोरोना का संकट टल गया हो,लेकिन बदलते मौसम में सांस रोगियों की समस्या बढ़ी हुई है। ऐसे में सांस रोगियों को ऑक्सीजन की जरूरत है। जबकि कस्बे के सामुदायक स्वास्थ्य केन्द्र पर लगा आक्सीजन प्लांट सफेद हाथी साबित हो रहा। उसे खुद की सांसों के लिए ऑपरेटर की जरूरत है।

गंजडुंडवारा स्वास्थ्य केंद्र पर लगा ऑक्सीजन प्लांट का संचालन करोना काल में आउटसोर्स से तैनात 4 आपरेटरों को हटाए जाने के बाद से बंद पड़ा हुआ है। इस ऑक्सीजन प्लांट से अस्पताल के 50 बेड तक सीधे ऑक्सीजन पहुंचाने का जिम्मा था। ऐसे मे यह सप्लाई भी बाधित है। वैसे यह प्लांट पूर्व में भी दो साल तक ठप रहा था। जिसकी सर्विस में 80 हजार खर्च कर जून माह में ही सही कराया गया था। अब विगत दो माह से आपरेटर के आभाव मे प्लांट का संचालन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में इसके खराब होने की आशंका जताई जा रही है। सीएमओ राजीव अग्रवाल ने बताया कि शासन के निर्देश पर आपरेटरो को हटाया गया है। ऑक्सीजन प्लांट चलाने वाले आपरेटर अब नहीं हैं। शासन से आपरेटर की नियुक्ति के बाद ही संचालन कराया जा सकता है।

प्लांट तीन दिन में चलाना आवश्यक
ऑक्सीजन प्लांट से टेक्नीशियन हटने से ये रख-रखाव के अभाव में दम तोड़ सकते हैं। टेक्नीशियनो ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट को समय-समय पर नहीं चलाने से ऑक्सीजन की शुद्धता और प्रेशर की क्षमता कम हो जाती है। प्लांट तीन दिन में कुछ देर के लिए चलाना जरूरी होता है। ऐसा नहीं करने पर प्लांट से शुद्ध ऑक्सीजन और प्रेशर बनाने के लिए तीन से चार घंटे शुरू में अधिक चलाना पड़ेगा। अगर टेक्नीशियन जल्द नहीं रखे गए तो ऑक्सीजन प्लांट दम तोड़ सकता हैं।

पहले विभाग ने दी ट्रेनिंग अब निकाला
करोना काल के दौरान विभाग द्वारा पहले प्लांट आपरेटरो की भर्ती की गई। ऑनलाइन 15 दिन और ऑफलाइन ऑक्सीजन प्लांटों में जाकर 18 दिन तक प्लांट ऑक्सीजन तैयार करने की ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद युवाओं को ऑक्सीजन प्लांटों में तैनाती दी गई। लेकिन सबकुछ करने के बाद इन युवाओं को 31 जुलाई को हटा कर घर बैठा दिया गया। जो कि अब जीवनयापन को भी परेशान हैं और अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं।