Bahraich News: फखरपुर में चार हत्याओं को अंजाम दे मुंबई पहुंच गए थे आरोपी
लखनऊ होटल में रुकने के बाद कानपुर से सूरत होते हुए गए थे मुबंई
राजू जायसवाल/बहराइच, अमृत विचार। जिले के फखरपुर थाना क्षेत्र में वर्ष 2021 में मां और उसके तीन बच्चों की हत्या आरोपियों ने शातिराना अंदाज में किया था। हत्या करने के बाद सभी पुनः रोडवेज बस से मुंबई चले गए थे। मुंबई से जिले की पुलिस टीम उन्हें पकड़कर लेकर आई थी। जिन तीन आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा था। उसमें से दो आरोपियों को कोर्ट ने शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई है।
मुंबई के मुंब्रा निवासी मेरी कात्यान और उसके तीन बच्चों की वर्ष 2021 में जिले के फखरपुर थाना क्षेत्र में अलग अलग स्थानों पर हत्या कर शव फेंक दिया गया था। फखरपुर थाना में 10 सितंबर 2021 को हत्या हुई। जबकि 12 सितंबर को हत्या के मामले में पुलिस ने गजाधरपुर गांव निवासी चौकीदार बेचन की तहरीर पर हत्या का केस दर्ज किया था।
हत्याकांड से बचने के लिए आरोपियों ने शातिराना तरीका अपनाया, लेकिन वह पुलिस की पकड़ से बच नहीं सके। तत्कालीन एसओजी प्रभारी मुकेश सिंह ने बताया कि मैरी कात्यान, पुत्री रजाती (11), पुत्र जोसेफ (7) और सौंदर्या (4) को प्रेम जाल में फंसाकर उसे ट्रेन से लखनऊ लाया गया। इसके बाद जिले के जरवल रोड थाना क्षेत्र में स्थित एक ढाबा पर मां और छोटी बेटी को आरोपी ननकू ने रोका था। इसके बाद दूसरा आरोपी सलमान दो बच्चों को लेकर ग्राम पंचायत ततेहरा तेलियनपुरवा लेकर आया था। यहां पर दो बच्चों की हत्या रात होते ही कर दी थी। इसके बाद उसके मां और एक और बच्चे को बुलाकर दोनों ने गला रेतकर हत्या की थी।
मुकेश सिंह ने बताया कि चार हत्या करने के बाद सभी पुनः मुंबई चले गए थे। इस बार तीनों आरोपी बहराइच से लखनऊ गए थे। इसके बाद कानपुर, सूरत होते हुए मुंबई रोडवेज बस से पहुंचे। उन्होंने बताया कि मौजूदा टीम के सर्विलांस प्रभारी निखिल श्रीवास्तव और नानपारा कोतवाल संजय सिंह भी साथ में मुंबई गए थे।
वहां से नाबालिक समेत तीन आरोपियों को लेकर फखरपुर थाने की पुलिस को सौंप दिया गया था। जिसमें तत्कालीन विवेचना अधिकारी सीओ कमलेश सिंह और फखरपुर थाने की पुलिस की बेहतर पैरवी के चलते कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हुआ। इसके बाद शुक्रवार को सुनवाई के बाद एएसजे प्रथम न्यायालय के न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा ने सुनवाई करते हुए ननकू और सलमान को फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा गांव निवासी नाबालिक का भी ट्रायल चल रहा है। जल्द ही उसे भी सजा होने की संभावना है।
लखनऊ होटल में रुके थे आरोपी
तत्कालीन एसओजी प्रभारी मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि हत्या को अंजाम देने के बाद सभी अपराधी लखनऊ के कैसरबाग स्थित होटल में रुके थे। इसके बाद सभी मुंबई के लिए रवाना हुए। होटल के सीसीटीवी में सभी कैद हुए थे। उन्होंने बताया कि तीनों को गांव के एक रिक्शे वाले ने भी देख लिया था। उसकी भी गवाही अहम बनी थी। इसके अलावा मुंबई से लखनऊ आते समय ट्रेन के टिकट ने केस को मजबूती प्रदान करने में मदद की।
लहसुन खरीदने के बहाने हुई गिरफ्तारी
तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह के निर्देश पर बहराइच से एसओजी प्रभारी मुकेश सिंह, सर्विलांस टीम के निखिल श्रीवास्तव और तत्कालीन नानपारा कोतवाल संजय कुमार सिंह मुंबई पहुंचे। जांच के दौरान पता चला कि तीनों एक सब्जी मंडी में सब्जी बिक्री करने का काम करते थे। दिन में रेकी की गई। इसके बाद स्थानीय पुलिस की मदद से सादे वर्दी में एक किलो लहसुन खरीदने के बहाने तीनों को पकड़ा गया था। इसके सभी को जिले के फखरपुर थानाध्यक्ष राजेश कुमार सिंह के सुपुर्द किया गया था।
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