PM Vishwakarma Scheme: 1362 पात्रों के सत्यापन पर लगी मुहर, अब लेंगे प्रशिक्षण, 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मिलेगा मानदेय
15 हजार रुपये तक टूल किट खरीदने को मिलेगा ई-वाउचर
बाराबंकी, अमृत विचार। परंपरागत धंधों से जुड़े कारीगरों को आर्थिक रुप से और मजबूत बनाए जाने के लिए उन्हें संबंधित कार्य का प्रशिक्षण देकर टूल किट की सौगात दी जाएगी। यही नहीं प्रशिक्षण अवधि के समय प्रतिदिन 500 रुपये के हिसाब से मानदेय भी मिलेगा। यह सब कुछ केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत साकार होने जा रहा है। लाभ लेने के लिए करीब 11 से 12 हजार लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। इनमें से ढाई हजार आवदेनों पर जिला कमेटी द्वारा स्वीकृति मिल गई है।
इसके बाद ग्रामीण क्षेत्र के आवेदनों की जांच बीडीओ तो शहरी क्षेत्र के आवेदनों की जांच ईओ द्वारा कराने के बाद इनमें से 1362 आवेदन तीसरी जांच में सत्यापित हुए हैं। अब इन्हें कौशल विकास के तहत संबंधित ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद नामित संस्था से यह कारीगर 15 हजार रुपये तक अपने कार्य संंबंधी टूल किट खरीद सकेंगे। आवेदनों की तीन स्तर पर सत्यापन के बाद पात्रों का चयन करने की व्यवस्था की गई है।
केंद्र सरकार द्वारा सुनार, मोची, कुम्हार, मूर्तिकार, राजमिस्त्री, धोबी, दर्जी सहित 18 ट्रेड से जुड़े परंपरागत कारीगरों को बढ़ावा देने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना संचालित की जा रही है। जिले में योजना के तहत करीब 11 से 12 हजार कारीगरों ने ऑनलाइन पंजीयन कराया है। नगरीय क्षेत्रों में आवेदनों का सत्यापन नगर पालिका, नगर पंचायत तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लॉक कर्मचारियों के माध्यम से कराया जा रहा है।
जिलास्तरीय कमेटी स्तर से 2505 आवेदनों पर स्वीकृति मिल चुकी है। इसके बाद आगे की जांच प्रक्रिया में तीसरे स्तर पर एमएसएमई के तहत 1362 आवेदन सत्यापित किए गए है। जबकि शेष बचे स्वीकृति आवेदनों की जांच चल रही है। योजना का लाभ लेने के लिए सत्यापित हो चुके इन आवेदकों को अब कौशल विकास योजना के तहत ट्रेडवार प्रशिक्षित किया जाएगा। छह से सात दिनों के प्रशिक्षण अवधि के समय में प्रत्येक को 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद उद्योग विभाग द्वारा कारीगर को 15 हजार रुपये तक एक ई-बाउचर दिया जाएगा। इसके माध्यम से वह नामित एजेंसी के जरिए अपने ट्रेड के आधार पर टूल किट ले सकेगा।
दर्जी और राजगीर का होगा ऑफलाइन सत्यापन
भारत सरकार की गाइडलाइन के आधार पर दर्जी और राजगीर मिस्त्री ट्रेड के आवेदनों की जांच दो बार कराई जा रही है। पहली बार ऑनलाइन आवेदन के बाद ग्रामीण स्तर पर प्रधान व बीडीओ द्वारा तो शहरी क्षेत्र में ईओ द्वारा। इसके बाद ऑफलाइन स्तर पर भी मौके पर जाकर दर्जी और राजगीर मिस्त्री का सत्यापन किया जा रहा है। बताते चले कि इन दोनों ट्रेडों में सबसे अधिक 5158 आवेदन विभाग को मिले हैं। इनमें ग्रामीण स्तर के 4565 और शहरी क्षेत्र के 593 आवेदन शामिल हैं।
पात्र कारीगरों को एक सप्ताह का प्रशिक्षण देने, टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार का ई-वाउचर दिया जाएगा। इसके साथ कारोबार को बढ़ाने के लिए पांच प्रतिशत ब्याज पर एक लाख रुपये तक ऋण भी दिलाया जाएगा। गाइडलाइन के आधार पर पात्रों का चयन किया जा रहा है...,आशुतोष श्रीवास्तव, उपायुक्त उद्योग, बाराबंकी।
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