बाजार में कोहराम से कानपुर के निवेशकों ने गंवाए 2500 करोड़, विशेषज्ञ बोले- बजट में बढ़ सकता सोने पर आयात शुल्क
कानपुर, अमृत विचार। शेयर बाजार में प्री बजट रैली की उम्मीद लगाए निवेशकों को इस हफ्ते जोर का झटका लगा। लगातार 5 दिनों से हो रही भारी गिरावट के चलते कानपुर के निवेशकों को करीब 2500 करोड़ रुपये की चोट पहुंची है। इस भारी गिरावट के कारण म्यूचुअल फंड निवेशकों के पोर्टफोलियो में भी खासी कमी देखने को मिली है। हालत यह है कि निफ्टी अपने हालिया उच्चतम स्तर से करीब 10 प्रतिशत नीचे गिर चुका है। इस पूरे हफ्ते सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 5 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है।
गिरावट का मुख्य कारण
विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली, डॉलर के मुकाबले रुपये में ऐतिहासिक गिरावट और ब्याज दरों में कटौती को लेकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के रुख में बदलाव है। शुक्रवार को सेंसेक्स 1176.46 अंकों की गिरावट के साथ 78,041.59 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी 364.20 अंकों की गिरावट के साथ 23,587.50 पर बंद हुआ।
कैश सेगमेंट टर्नओवर में कानपुर की हिस्सेदारी
20 दिसंबर को सेबी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा वित्तवर्ष में एनएसई कैश सेगमेंट के टर्नओवर में कानपुर की औसत हिस्सेदारी 0.15 प्रतिशत है, वहीं बीएसई के कैश सेगमेंट के टर्नओवर में ये हिस्सेदारी 0.08 प्रतिशत है।
बजट में बढ़ सकता सोने पर आयात शुल्क
जुलाई में पेश हुए सम्पूर्ण बजट में सोने पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया था। इससे सोना सस्ता हो गया था। आर्थिक विशेषज्ञ और केश्री ब्रोकिंग के को-फाउंडर राजीव सिंह के अनुसार शेयर बाजार में भारी उठापटक और जिओपॉलिटिकल टेंशन के कारण सोने में जबरदस्त खरीदारी हुई। इससे सोने के आयात में रिकॉर्ड वृद्धि देखने को मिली। सोने के आयात में पिछले साल में 331 प्रतिशत की रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली है।
आने वाले महीनों में सोने का आयात और बढ़ सकता है। व्यापार घाटा काम करने के लिए नए सोवरन गोल्ड बॉन्ड जारी हो सकते हैं। फरवरी 2024 के बाद से नए सोवरन गोल्ड बांड जारी नहीं हुए हैं। सोने के आयात में इसी तरह तेजी जारी रही तो आने वाले बजट में सोने पर आयात शुल्क भी बढ़ाया जा सकता है। देश का व्यापार घाटा नवंबर में 37.84 अरब डॉलर के ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। व्यापार घाटा बढ़ने की मुख्य वजह भी सोने का रिकॉर्ड आयात है।