प्रयागराज : अनधिकृत यूट्यूब चैनल पर लगाम कसने की तैयारी कर रहा मुक्त विश्वविद्यालय

प्रयागराज : अनधिकृत यूट्यूब चैनल पर लगाम कसने की तैयारी कर रहा मुक्त विश्वविद्यालय

प्रयागराज, अमृत विचार : उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय अनधिकृत यूट्यूब चैनल पर लगाम कसने की तैयारी कर रहा है। इसको लेकर कुलपति प्रो सत्यकाम ने छात्रों को सलाह दी कि वे विश्वविद्यालय के नाम पर चल रहे कई अनधिकृत यूट्यूब चैनल द्वारा दी जा रही जानकारी से सावधान रहें। यह अनाधिकृत चैनल पूरे प्रदेश में छात्रों को गुमराह कर रहे हैं। विश्वविद्यालय का कार्य क्षेत्र संपूर्ण उत्तर प्रदेश होने की वजह से सभी जगह के विद्यार्थी विश्वविद्यालय तक नहीं पहुंच पाते।

ऐसे में सोशल मीडिया से जानकारी प्राप्त करने के प्रयास में अनाधिकृत ढंग से चल रहे यूट्यूब चैनल द्वारा दी जा रही जानकारी को ही सही मान बैठते हैं। प्रोफेसर सत्यकाम ने पूरे प्रदेश के छात्र-छात्राओं को सलाह दी है कि वह केवल विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट यूपीआरटीओयू डॉट एसी डॉट इन पर लॉगिन करें, जिससे उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा लिए जा रहे निर्णय के बारे में अद्यतन जानकारी मिल सके।  

कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में दैनंदिन हो रही गतिविधियों की सूचना छात्रों तक पहुंचाने के लिए हाल ही में एकलव्य एप का विमोचन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने कर कमलों से किया है। इस एप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय में हो रही समस्त गतिविधियों एवं निर्णय की  जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। विश्विद्यालय ने सेमेस्टर प्रणाली को लचीला बनाते हुए छात्रों के हित में कई नए फैसले लिए हैं। यूजीसी ने दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के विद्यार्थियों के लिए नई शिक्षा नीति 2020 में सेमेस्टर प्रणाली के अंतर्गत कई सुविधाएं प्रदान की हैं। सेमेस्टर प्रणाली में अधिन्यास की अनिवार्यता को लचीला बनाया गया है।

दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के विशेषज्ञ एवं मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने यह स्पष्ट किया कि मुक्त विश्वविद्यालय में सेमेस्टर सिस्टम समाप्त नहीं किया गया है बल्कि दूर शिक्षा के लचीलेपन को देखते हुए विद्यार्थियों को यह विकल्प दिया गया है कि वह नामांकन करने के वर्ष भर बाद भी परीक्षा दे सकते हैं। मुक्त विश्वविद्यालय में सेमेस्टर प्रणाली का स्वरूप यथावत बना रहेगा। यह व्यवस्था पूर्व में भी लागू थी। विद्यार्थी की सुविधा के लिए केवल इसमें प्रविधि और प्रारूप का परिवर्तन किया गया है। विश्वविद्यालय में स्थापित सेन्टर फॉर ऑनलाइन एजुकेशन को निर्देशित किया गया है कि वह विश्वविद्यालय की वेबसाइट के कवर पेज एवं लोगो का इस्तेमाल करने वाले ऐसे अनधिकृत यूट्यूब चैनल की रिपोर्ट उन्हें एक सप्ताह में सौंपे। ऐसा करना साइबर क्राइम की श्रेणी में आता है। विश्वविद्यालय इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई करेगा।

कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय में वर्ष में दो बार प्रवेश की व्यवस्था की गई है। छात्रों के लिए यह हितकारी व्यवस्था इसलिए है कि वह किसी भी सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल हो सकता है। जो छात्र किसी कारण सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते उन्हें वार्षिक परीक्षा में शामिल होने का मौका विश्वविद्यालय दे रहा है। दूरस्थ शिक्षा के लचीलेपन की यही खूबी है कि यहां छात्रों के द्वार तक शिक्षा पहुंचाई जा रही है। विश्वविद्यालय के जन संपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र ने बताया कि दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में लंबा अनुभव रखने वाले विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम दूरस्थ शिक्षा की दशा और दिशा बदलने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। वह छात्रों के सामने आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए उनके हित में फैसला लेने के लिए आगे बढ़कर कार्य कर रहे हैं।

पूरे उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय केन्द्रों की कार्यशाला के बाद छात्रों की समस्याओं का त्वरित समाधान न होने के कारण अभी तक छात्र संख्या के एक लाख तक नहीं पहुंचने का फीडबैक मिलने के कारण उन्होंने वीसी ग्रीवांस सेल का गठन किया है। जहां छात्रों की समस्याओं का निस्तारण त्वरित गति से हो रहा है। अब प्रवेश की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2024 तक विस्तारित होने के बाद कुलपति ने आशा व्यक्त की है कि वर्तमान सत्र में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या एक लाख के लक्ष्य को पार कर जाएगी। इसके लिए वह न केवल मुख्यालय बल्कि प्रदेश के 12 क्षेत्रीय केंद्रों के समन्वयको से निरंतर ऑनलाइन मीटिंग कर रहे हैं।