Kanpur में बेटे ने ही मां को उतारा था मौत के घाट, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, लगाया 12 हजार रुपये का जुर्माना
कानपुर, अमृत विचार। अपर सत्र न्यायाधीश 3 कंचन सागर की कोर्ट ने मां की हत्या के दोषी को उम्रकै की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 12 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ओमेंद्र कुमार दीक्षित ने बताया कि वादी रेखा सिंह पत्नी रामपाल निवासी घाऊखेड़ा ने थाना चकेरी में 23 मई 2011 को तहरीर दी। जिसमें बताया कि अपनी बेटी शशि की शादी 20 फरवरी 2008 को रविंद्र सिंह भदौरिया उर्फ मोनू निवासी एचएएल कालोनी के साथ किया था। 23 मई 2011 को जब बेटी ससुराल से दोपहर करीब 12 बजे अचानक अकेले आई तो पूछा क्या बात है।
उसने बताया कि अब मैं वहां नहीं जाऊंगी। इस पर दोपहर करीब दो बजे वह दामाद के घर पहुंचीं तो देखा कि रविंद्र सिंह भदौरिया खड़ा था। फर्श पर उसकी मां पड़ी थी। दामाद ने जैसे ही मुझे देखा वह तुरंत कमरे से निकलकर चला गया। वह पीछे से रुकने के लिए आवाज देती रहीं। अंदर जाने पर देखा कि दामाद की मां का रक्तरंजित शव पड़ा है। दामाद अपनी मां की हत्या कर भागा था। पुलिस ने तहरीर के आधार पर धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की।
हत्या में प्रयुक्त चाकू की बरामदगी 25 मई 2011 को अभियुक्त रविंद्र भदौरिया से की गई। पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में प्रस्तुत की। अभियोजन की ओर से 11 गवाह प्रस्तुत किए गए। न्यायालय ने साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर अभियुक्त रविंद्र सिंह भदौरिया उर्फ मोनू पर दोषसिद्ध करते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई। साथ ही 12 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।