बरेली: नगर निगम को खटक रहा दशहरा मेला, तो क्या टूट जाएगी 100 साल पुरानी परंपरा

जोगी नवादा में लगने वाले दशहरा मेला पर नगर निगम ने लगाई रोक, लोगों का धरना

बरेली: नगर निगम को खटक रहा दशहरा मेला, तो क्या टूट जाएगी 100 साल पुरानी परंपरा

बरेली, अमृत विचार। जोगी नवादा के लोगों में एक बार फिर आक्रोश है, इस बार लोगों का गुस्सा दशहरा मैदान में नगर निगम की तरफ से दशहरा मेला पर रोक लगाने को लेकर है। जिसके खिलाफ बुधवार को इलाके के सैकड़ों लोग मेला स्थल के पास सड़क पर ही धरना प्रदर्शन करने लगे। नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की गई। मॉडल टाउन का दशहरा मेला बंद होने के बाद ये दूसरा बड़ा मेला होगा जिस पर संकट के बाद गहरा रहे हैं। 100 साल से भी ज्यादा पुरानी परंपरा को खत्म किए जाने से लोग नाराज हैं।

श्री रामलीला समिति जोगी नवादा के अध्यक्ष सुरेंद्र चंद्र राठौर ने बताया कि यहां लगने वाला मेला 1972 से पंजीकृत है, इसकी अनुमति प्रशासन की तरफ से भी है। 52 साल से तो केवल रजिस्टर्ड है, लेकिन 100 साल से ज्यादा पुराना मेला होगा। अब नगर निगम ने मेले पर रोक लगा दी है, जबकि पहले मेले लगने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि यह कोई व्यक्तिगत आयोजन तो है नहीं जो नगर निगम इसे बंद करना चाहता है। समिति के संरक्षक हरिओम राठौर ने मांग करते हुए कहा प्रशासन हमे मेले की जगह दे। अगर मेला नहीं लगेगा तो वह रामलीला भी नहीं करेंगे। नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने बताया कि कुछ लोगों की शिकायत मिली है, मौके पर जांच के लिए अपर नगर आयुक्त सुनील कुमार यादव को भेजा गया है। उनसे उपयुक्त भूमि देखकर व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया गया है। 

दशहरा मैदान में नगर निगम ने लगाए पौधे
दरअसल नगर निगम ने जोगी नवादा के इस दशहरा मैदान के चारो तरफ बैरीकेडिंग कर पौधे लगा दिए हैं। समिति के संरक्षक  हरिओम राठौर ने बताया कि नगर निगम ने स्पष्ट कह दिया है कि मेला नहीं लगने देंगे, जबकि ये जमीन यहां के स्थानीय लोगों की है और चारागाह है।

मॉडल टाउन का दशहरा मेला हुआ था बंद
ये पहला मौका नहीं है कि जब शहर की कोई बड़ा दशहरा मेला बंद होने की कगार पर हो। स्टेडियम की जमीन पर मॉडल टाउन में सालों पुराना दशहरा मेला दो साल पहले उस वक्त बंद कर दिया गया जब स्टेडियम प्रशासन ने यहां दीवार खड़ी कर दी। मॉडल टाउन की दशहरा रामलीला सेवा समिति के महामंत्री रवि छाबड़ा ने बताया कि मेला बंद होने के बाद आजतक उन्हें दूसरी जगह उपलब्ध नहीं कराई गई।