बकुलाही नदी: सूखे की ओर बढ़ती जा रही करीब 22 गांवों की 50 हजार से अधिक आबादी, बातचीत में छलका ग्रामीणों का दर्द ...
लूप कटिंग से बढ़ी जल की समस्या,दलहन से लेकर तिलहन तक की फसलें प्रभावित, पेयजल और सिंचाई तक के लिए पानी का संघर्ष
रवि प्रकाश सिंह चन्दन/प्रतापगढ़, अमृत विचार। करीब साढ़े तीन दशक पूर्व आसपास के गांवों के लिए बाढ़ के खतरे के रूप में जानी जाने वाली बकुलाही नदी आज सूखे का परिचायक बन गई है। तकरीबन 35 वर्ष पूर्व तत्कालीन केंद्रीय मंत्री रहे राजा दिनेश सिंह के कार्यकाल में लूप कटिंग परियोजना के तहत बकुलाही नदी की धारा को मोड़ दिया गया। जिससे भयहरणनाथ धाम के पास से गौरा पूरे वैष्णव और बाबूपुर की तरफ जाने वाली मुख्यधारा को काटकर बासूराजा ढ़ेमा गांव की तरफ सीधा कर दिया गया।
शुरुआती दिनो में तो लूप कटिंग परियोजना सबको रास लेकिन आगे चलकर जब इसने अपना असर दिखाना शुरु किया तो क्षेत्र में लोगों के हैंडपंप, कुएं और तालाब सूखने लगे। पानी के बजाए नदी में जगह- जगह मिट्टी के टीले और जंगली सरपत ही नजर आ रहे हैं।बकुलाही नदी की लूप कटिंग से गौरा,भटपुरवा, रामनगर, पूरे तोरई, पूरे वैष्णव, जदवापुर, सराय देवराय, हिंदूपुर, बाबूपुर, जमुआ, छतौना, सराय मेदीराय, पूरे पंगुल, शिवरा, मनेहू, बुकनापुर, मिश्रपुर और शोभीपुर सहित तकरीबन 22 गांवों की पचास हजार से अधिक आबादी प्रभावित है।
बातचीत में छलका ग्रामीणों का दर्द ...
नदी की धारा ने गांव से रुख मोड़ा तो जल स्तर नीचे गिरने लगा। यह हाल है कि गांवों में डेढ़ सौ से अधिक हैंडपंप सूख गए है। लगभग सवा सौ से अधिक कुएं सूख गए है। अब हालात ये हैं कि पानी का कोई भी प्राकृतिक स्त्रोत काम नहीं कर रहा है। निजी सबमर्सिबल नहीं तो पीने के पानी के लिए भी संकट है...
71 वर्ष के किसान कहते हैं नदी की वजह से किनारे के गांवों की जमीन की मिट्टी में नमी रहती थी। जिससे बेर्रा, चना, मटर सहित अन्य मोटे अनाज बिना सिंचाई के लिए पैदा होते थे। अब अपनी ही आंखाें के सामने इन फसलों का अस्तित्व खेतों से मिटता देख रहे हैं... बंश बहादुर सिंह,जमुआ।
अब तो सबमर्सिबल आ गया तो जान लौट आई है। वरना नदी सूखने के शुरुआती सालो में तो रोजी-रोटी के लिए लोगों का पलायन शुरु होने लगा था। हमारे मवेशी तक सूखा चारा खाने को मजबूर थे। पानी गांव में वापस लाने को बंधा बनाने के लिए चंदा भी वसूला गया,लेकिन निर्रथक रहा...विवेक सिंह चौहान,गौरा।
इंडियामार्का हैंडपंप दे रहे मटमैला पानी
लूप कटिंग से प्रभावित गांवो में जलस्तर 50 फिट से गिरकर 150 फिट तक पहुंच गया है। नतीजा यह है कि पेयजल के स्त्रोत के रूप में बचे हैंडपंपों ने भी दगा देना शुरु कर दिया है। दो-दो सौ फिट की गहराई तक लोगों ने बोरिंग करा ली है। जिससे हैंडपंप अब पानी कम और मिट्टी ज्यादा दे रहे हैं। पानी भरकर कुछ देर के लिए रखते हैं फिर जब मिट्टी बैठ जाती है तो उसी पानी को छानकर पीते हैं... राम नरायण मिश्र,पूरे तोरई।
यह है बकुलाही नदी का परिचय
रायबरेली जनपद के सलोन तहसील के पाकसरांवा गांव स्थित मझियर झील से निकली बकुलाही नदी का इतिहास काफी पुराना है। जदवापुर सरायदेवराय के डा.परमानन्द मिश्र बताते हैं कि रामायण और महाभारत में भी इसका जिक्र किया गया है। प्राचीन काल में इसका नाम बालकुनी था। संग्रामगढ़ ब्लाक के ककरिहा गांव से यह नदी जिले में प्रवेश करती है। संग्रामगढ़ के बकोल ताल से होते हुए यह बिहार ब्लाक में प्रवेश करती है। बताते हैं कि इसके कारण ही बाद में इसका नाम बकुलाही पड़ गया। जिले में करीब 158 किमी की दूरी तय करने के बाद प्रतापगढ़ शहर के पास स्थित खजुरनी गांव में सई नदी में मिल जाती है।
विधायक का भी गांव सूखे की चपेट में,सदन में बोले बंजर बनते जा रहे खेत,पलायन कर रहे लोग
बकुलाही नदी में लूप कटिंग से सूखे के चपेट में आये गांवों में रानीगंज से सपा विधायक डॉ. आरके वर्मा का भी गांव जदवापुर सरायदेवराय भी है। वर्ष 2014 में विश्वनाथगंज विधानसभा से जब वह अपना दल एस से विधायक थे तब डॉ. आरके वर्मा ने ग्राम प्रधान उर्मिला चौधरी के मांग पत्र पर मुद्दे को सदन में रखा। कहा कि खेत बंजर बनते जा रहे हैं इससे लोग बाहर पलायन करने को मजबूर हैं।उन्होंने भयहरणनाथ धाम के पास ( जहां लूप कटिंग हुई है) चेकडैम बनाने की मांग की। जिससे पेयजल संकट व सिंचाई की समस्या दूर हो सके। एक दशक बीत जाने के बाद बीते पांच सितम्बर को संसदीय अनुश्रवण समिति के सामने जवाब आया। जिसमें यह बताया गया है कि लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों को तलब किया गया है।
यह क्षेत्र के किसानों और आमजनमानस के लिए बड़ी समस्या है। हमने सदन में यह मुद्दा रखा था। शुरुआत में लघु सिंचाई विभाग ने कुछ तकनीकी समस्या बताई थी। अब याचिका समिति ने विभाग को सभी विवरण के साथ तलब किया है... डॉ.आरके वर्मा,विधायक/सदस्य संसदीय अनुश्रवण समिति।
यह भी पढ़ें:-Sultanpur डकैती कांड के और आरोपी अनुज प्रताप सिंह का STF ने किया एनकाउंटर, एक फरार