मुरादाबाद: हैलो मैं कोतवाल बोल रहा हूं...4 घंटे हाउस अरेस्ट कर साइबर अपराधियों ने सुपरवाइजर से ठगे 2 लाख, जानिए पूरा मामला

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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मुरादाबाद, अमृत विचार। कटघर थाना क्षेत्र स्थित हाईटेक ट्रेडिंग कॉरपोरेशन कंपनी के सुपरवाइजर को हाउस अरेस्ट करके साइबर अपराधियों ने 2 लाख रुपये ठग लिए। आरोपियों ने खुद को कोतवाल बताकर 4 चार घंटे तक पीड़ित को हाउस अरेस्ट में रखा। पूरी तरह निगरानी में फंसाकर बेटे को दुष्कर्म के मुकदमे से बरी करने का झांसा देकर रकम ट्रांसफर करा ली। हालांकि बेटा सही सलामत घर पर था। पीड़ित ने मामले में कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है।

नागफनी थाना क्षेत्र के अकबर कंपाउंड निवासी फसाहत हुसैन ने कोर्ट में दी अर्जी में बताया कि वह कटघर के रहमत नगर में स्थित हाईटेक ट्रेडिंग कॉरपोरेशन में सुपरवाइजर का काम करते हैं। उन्होंने बताया है कि 27 मार्च 2024 की सुबह उनके व्हाट्सएप पर अनजान नंबर से वीडियो कॉल आई। कहा कि फसाहत हुसैन बोल रहे हो...पीड़ित बोला हां। फिर ठगों ने कहा मैं कोतवाल बोल रहा हूं। 

चार युवकों को युवती से दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया है। जिसमें आपका बेटा फैज भी शामिल है। इसके बाद ठगों ने फैज पर आरोप लगाते हुए कहा है कि आपके बेटे के नंबर से युवती को कॉल की गई थी। जिसका संबंध इस मामले से है। इसी दौरान जालसाजों ने पीड़ित को वीडियो कॉल पर ही तीनों युवकों को पिटता हुआ दिखाया। तीनों की पिटाई से पीड़ित घबरा गया। 

आरोप है कि बेटे को मामले से रिहा व दुष्कर्म पीड़िता के डीएनए टेस्ट कराने का झांसा देकर ठगों ने कई बार में पीड़ित से 1 लाख 90 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। साइबर अपराधियों ने पीड़ित को करीब 4 घंटे तक हाउस अरेस्ट करके रखा। रकम मिलने के बाद ठगों ने कॉल कट कर दी। परेशान होकर पीड़ित ने घर फोन किया। पता चला कि बेटा घर पर सुरक्षित है। इसके बाद पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ। 

उसी समय पीड़ित ने मामले में साइबर सेल पर शिकायत दर्ज कराई। हालांकि अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। परेशान होकर पीड़ित ने कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है। थाना प्रभारी संजय कुमार ने बताया है कि कोर्ट के आदेश पर अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

ऐसे वारदात को अंजाम देते हैं ठग

साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा हैं। आम लोगों को शिकार बनाने के लिए शातिर अपराधी नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। जरा सी चूक होते ही लोग जाल में फंस जाते है। ऐसे में साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। हालांकि उसमें भी पुलिस साइबर पुलिस फेल होती नजर आ रही है। 

दरअसल, हाउस अरेस्ट के दौरान साइबर अपराधी लोगों से पुलिस की वर्दी में बात करते हैं। इसके बाद परिवार के किसी भी सदस्य को झूठा मुकदमा या फिर किसी अन्य में फंसाने का झांसा देंगे। फिर हाउस अरेस्ट करके निगरानी में रखेंगे। उल्टे-सीधे सवाल करके जाल में फंसाने का नाटक करेंगे। पूरी तरह से फंसने के बाद रकम ऐंठ लेते हैं।

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