शाहजहांपुर: भगवान बुद्ध और आंबेडकर की प्रतिमा हटाने गई टीम का विरोध, लौटना पड़ा वापस
हसौआ गांव में एक ही रात में स्थापित कर दी गई बुद्ध और आंबेडकर की प्रतिमा
शाहजहांपुर/निगोही, अमृत विचार। निगोही के गांव हसौआ में खाली पड़ी जमीन पर एक ही रात में तीन दिन पहले स्थापित की गई भगवान बुद्ध और बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को हटाने पहुंची राजस्व व पुलिस टीम को विरोध का सामना करना पड़ा। प्रतिमा हटाए जाने की बार-बार अपील किए जाने के बाद जब टीम ने प्रतिमा हटाने को सख्ती दिखाई तो महिलाएं ईट-पत्थर लेकर सामने आ गईं। मजबूरन टीम को बैरंग लौटना पड़ा।
थाना निगोही क्षेत्र के गांव हसौआ में कुछ लोगों ने गांव के उत्तर दिशा में नहर किनारे वर्षों से खाली पड़ी जमीन पर मंगलवार रात बुद्ध और आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित कर दी। गांव के कुछ लोगों ने विरोध जताते हुए तिलहर एसडीएम से शिकायत की। इस पर बुधवार सुबह तहसीलदार जयप्रकाश यादव, नायब तहसीलदार जगत मोहन जोशी, लेखपाल रंजना और निगोही थानाध्यक्ष अरविंद कुमार चौहान पुलिस टीम के साथ गांव पहुंच और जमीन की नापजोख के बाद प्रतिमा हटाने के निर्देश देकर टीम लौट गई। पुलिस और राजस्व टीम के लौटने के बाद भी प्रतिमा नहीं हटाई गई। इसके बाद रात करीब 11 बजे एक बार फिर पुलिस और राजस्व टीम गांव पहुंची और प्रतिमा हटाने को कहा लेकिन प्रतिमा की स्थापना करने वालों ने प्रतिमा नहीं हटाई। टीम गांव से लौट आई। गुरुवार सुबह टीम फिर गांव पहुंची और प्रतिमा की स्थापना करने वालों से प्रतिमा हटाने के लिए कहा लेकिन वह लोग राजस्व टीम व पुलिस की एक बात सुनने को तैयार नहीं थे। सुबह से लेकर दोपहर करीब 1:30 बजे तक तहसीलदार , नायब तहसीलदार और लेखपाल, थानाध्यक्ष मशक्कत करते रहे लेकिन प्रतिमा नहीं हटाई गई। इसके बाद टीम खुद प्रतिमा हटाने के लिए आगे बढ़ी तो प्रतिमा के आगे महिलाएं ईट-पत्थर और लाठी-डंडा लेकर खड़ी हो गईं और प्रतिमा हटाए जाने का विरोध करने लगीं। महिलाओं के उग्र स्वभाव को देखते हुए राजस्व टीम व पुलिस को पीछे हटना पड़ा।