बदायूं: हत्या के प्रयास में दोषी को सात साल की सजा, 10 हजार लगा जुर्माना

दो अन्य आरोपियों को नाबालिग मानकर किशोर न्याय बोर्ड भेजी गई उनकी पत्रावली

बदायूं: हत्या के प्रयास में दोषी को सात साल की सजा, 10 हजार लगा जुर्माना

बदायूं, अमृत विचार। हत्या करने के प्रयास के लगभग 14 साल पुराने मामले में अपर सत्र न्यायाधीश सौरभ सक्सेना ने आरेपी को दोषी करार दिया है। दोषी को सात साल के कारावास के अलावा 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। 

अभियोजन कथानक के अनुसार कोतवाली बिसौली क्षेत्र के गांव दिसौलीगंज गांव निवासी जगदीश ने 27 जनवरी 2010 को थाना वजीरगंज पुलिस को तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तहरीर में उन्होंने बताया कि वह अपने भांजे अनिल कुमार के साथ गांव घारमपुर में कथा की दावत खाकर बाइक से अपने गांव वापस लौट रहे थे। अनिल कुमार बाइक चला रहे थे। शाम लगभग सात बजे रामडांडी की ओर मुड़े तो मोड़ की पुलिया के पास एक बाइक सड़क पर तिरछी खड़ी मिली। भांजे ने बाइक को बचाना चाहा तो उस बाइक से हल्की टकरा गई। कुंवरगांव निवासी श्याम पाल पुत्र बुद्धसेन समेत तीन लोगों ने जगदीश और उनके भांजे को घेर लिया। कहासुनी शुरू हो गई। कहा कि उन दोनों की तलाश में बहुत देर से खड़े हैं। दो लोगों ने अनिल कुमार के ऊपर तमंचे से फायर किया। अनिल के सीने में दोनों गोली लगी ओर जगदीश के छर्रे लगे। मौके पर शोर मच गया। आसपास मौजूद लोग मौके पर पहुंचे। आरोपी मौके से भाग गए। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद विवेचना शुरू की थी। साक्ष्यों को संकलित करके आरोपी श्याम पाल समेत तीन लोगों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। दो आरोपियों को नाबालिग मानकर उनकी पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड में भेजी गई है। न्यायालय ने श्याम पाल का मामला ही विचारण किया। सोमवार को न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों  का अवलोकन करके एडीजीसी मुनेंद्र प्रताप सिंह और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद श्याम पाल को दोषी मानकर सजा सुनाई है।