Unnao News: चालक-परिचालकों ने ‘रोडवेज बसों’ को बनाया ‘मालगाड़ी’, निजी बसों में चल रहा टैक्स चोरी का खेल

जिले की बसों में यात्रियों से अधिक ढोया जा रहा सामान

Unnao News: चालक-परिचालकों ने ‘रोडवेज बसों’ को बनाया ‘मालगाड़ी’, निजी बसों में चल रहा टैक्स चोरी का खेल

उन्नाव, अमृत विचार। जिले में चालक-परिचालकों ने निजी व रोडवेज बसों को मालगाड़ी बनाकर रख दिया है। इन दिनों इन बसों में सामान व पार्सल को खूब लाया ले जाया जा रहा हैं। इनके चालक व परिचालक बसों की छत पर क्षमता से कई गुना अधिक सामान लाद देते हैं। ज्यादातर सामान फुटकर दुकानदारों का होता है। इससे यात्रियों को परेशानी तो होती ही है हादसे का डर भी बना रहता है। जिले के जिम्मेदार यह जानकार भी अनजान बने हैं। मिलीभगत होने से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। 

बता दें कि जिले से दिल्ली, आगरा, कानपुर व लखनऊ समेत अन्य रूटों पर रोडवेज व निजी बसों का संचालन होता है। इन दिनों इनमें बड़े पैमाने पर सामान की ढुलाई की जा रही है। रोडवेज बसों में अंदर व उसकी डिग्गी में यात्रियों के लगेज से अधिक पार्सल के सामान भरे जाते हैं। चालकों-परिचालकों की शह पर लोग बसों की डिग्गी में लगेज के अलावा पार्सल रख देते हैं। पार्सल भेजने वालों को बसों की समय सारिणी की भी खूब जानकारी होती है। 

इसलिए यह समय से आकर उस रूट की बस में पार्सल रख देते हैं। सबसे खराब स्थिति तो निजी बसों की है। निजी बसों में बस के अंदर व डिग्गी के अलावा बस की छत पर ट्रांसपोर्ट का सामान ले जाया जाता है। इन बसों में सवारियों से अधिक सामान भरा जाता हैं। निजी बसें तेज रफ्तार में भी सड़कों पर खूब दौड़ती हैं और ऊंचाई अधिक होने के कारण कभी भी हादसे का शिकार हो सकती हैं। 

खासतौर से निजी बसों के संचालक निजी स्वार्थ के लिए यात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। वहीं विभाग को भी लाखों रुपये के टैक्स का चूना लगा रहे हैं। बसों में लगेज ले जाने का एक नियम के तहत ही प्रावधान है। लेकिन बस संचालक नियमों को ताक पर रखकर सीमा से अधिक सामान ले जा रहे हैं। 

निजी बसों की संचालन व्यवस्था से जुड़े लोगों के अनुसार सबसे ज्यादा दिल्ली, आगरा, लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद आने-जाने वाली बसों की छतों पर माल भेजा जाता है। लेकिन अफसर रास्ते में चेकिंग के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते हैं। बसों की छतों पर सामान अधिक होने से कई बार तेज रफ्तार में चल रही बसें लहरा जाती हैं। ऐसे में हादसा होने की भी आशंका बनी रहती है। इसके बाद भी संबंधित विभाग के अफसर सिर्फ कुछ दिन कागजी कोरम पूरा कर ऑफिसों आराम फरमाते हैं।

दिल्ली से टैक्स चोरी कर लाया जा रहा सामान

जिले की कुछ ट्रैवल्स कंपनियों की बसें उन्नाव से आगरा व दिल्ली के लिये तो कुछ लखनऊ से उन्नाव होते हुए दिल्ली जाती हैं। इन बसों के संचालक सवारियों के साथ ही बिना टैक्स दिए सामान को भी एक जगह से दूसरी जगह पहुचाते हैं। इसमें कपड़ा, गारमेंट्स, कास्मेटिक व इलेक्ट्रॉनिक सामान सबसे अधिक टैक्स चोरी कर लाया जाता है। ज्यादातर निजी बसों की छतों पर व डिग्गी में सामान लाया जाता है। जिले के अधिकारी जांच और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करतें हैं। 

इस तरह निजी व रोडवेज बसों में होता है खेल

जिले में पार्सल भेजने वाले व्यक्ति के बसों के चालक व परिचालकों के फोन नम्बर होते हैं। बस पहुंचते ही उनका सामान उनमें रख दिया जाता हैं। परिचालक को पैसों के साथ एक पर्ची दी जाती है। जिसमें उस स्थान का पता व पार्सल पाने वाले व्यक्ति का नंबर होता है। परिचालक संबंधित स्थान पर पहुंचने से पहले उस व्यक्ति को फोन करता है और वहीं पार्सल उतारकर गंतव्य की ओर रवाना हो जाता है। 

बोले जिम्मेदार… 

सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज गिरीश चंद्र वर्मा ने बताया कि रोडवेज बसों में पार्शल व अन्य सामान लाने व ले जाने जानकारी हमें नहीं है। बिना स्वामी के उसका सामान लाना प्रतिबंधित है। अगर ऐसा हो रहा है तो उन बसों के चालकों व परिचालकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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