Hamirpur: सामूहिक हत्याकांड में दो दोषियों को मिला आजीवन कारावास
राठ क्षेत्र में दिनदहाड़े दोषियों ने तीन लोगों को उतारा था मौत के घाट
हमीरपुर, अमृत विचार। सात साल पहले चुनावी रंजिश को लेकर हुए सामूहिक हत्याकांड के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट सुशील कुमार खरवार ने दो दोषियों को हत्या और एससी-एसटी मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। एक पर 1.03 लाख रुपये और दूसरे पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है, जबकि साक्ष्यों के अभाव में दो लोगों को दोषमुक्त कर दिया गया है। जुर्माना नहीं भरने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह ने बताया कि राठ थाना क्षेत्र के अकौना गांव निवासी वादी श्याम बिहारी अहिरवार ने तहरीर में बताया था कि ग्राम प्रधानी के चुनाव को लेकर मौजूदा प्रधान पति महबूब खां से हारी प्रधान पद की उम्मीदवार भगवती देवी का पति लाल दीवान और उसके रिश्तेदार रंजिश मानते थे।
इसके चलते 27 नवंबर 2016 को दोपहर करीब एक बजे गांव में बन रही आरसीसी सड़क का विरोध करते हुए आरोपी महेंद्र सिंह लोधी अपनी राइफल, जितेंद्र सिंह तमंचा, करन सिंह राइफल, महेश व हरिचरन तमंचा लेकर आ गए और सड़क बनवा रहे प्रधान पति महबूब खां पर फायर झोंक दिया।
प्रधान के पति महबूब खां ने किसी तरह सूरज के घर में घुसकर जान बचाई। वहीं महेंद सिंह ने राइफल से भगवती उर्फ मुन्ना को उसी के दरवाजे पर गोली मार दी। उसके बाद ललकारते हुए जितेंद्र सिंह ने तमंचा से उसके भाई बाबूलाल को दौड़ाकर पशुबाड़े में गोली मार दी। धनीराम बीचबचाव करने दौड़ा तो करण सिंह ने अपने पिता की लाइसेंसी राइफल से धनीराम को गोली मार दी। जान बचाकर भाग रहे परमेश्वरी दयाल के सीने में महेश लोधी ने तमंचे से गोली मार दी। हरिचरन सिंह ने गालियां देते हुए हत्या के लिए ललकारा।
पांचों आरोपियों ने राइफल और तमंचे से कई राउंड फायर करते हुए गांव में दहशत फैला दी और धमकी दी कि जो भी सामने आएगा, उसका भी यही हाल होगा। पुलिस ने पांचों आरोपियों महेंद्र सिंह लोधी, जितेंद्र सिंह, करन सिंह, महेश व हरचरन के खिलाफ एससी-एसटी सहित हत्या व हत्या के प्रयास में मामला दर्ज कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था।
अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में महेंद्र और जीतेंद्र को दोषमुक्त कर दिया, जबकि महेश व करन को एससी-एसटी एक्ट, हत्या व हत्या के प्रयास में दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी करन पर भगवती उर्फ मुन्ना, धनीराम और बाबूलाल के परिवार को क्षतिपूर्ति के रूप में एक-एक लाख रुपये दिए जाने का आदेश दिया है। वहीं दोषी महेश कुमार पर घायल परमेश्वरी दयाल को क्षतिपूर्ति के रूप में 50 हजार रुपये देने का आदेश दिया है। एक आरोपी हरचरन की मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही जिला कारागार में मौत हो गई थी।
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