बरेली: इस्लामिया खचाखच भरा...उलमा बोले 'मुसलमान को अपने देश प्रेम का सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं...'
बरेली में अदा की जा रही है 106वें उर्स-ए-रजवी की रस्म
बरेली, अमृत विचार। सुन्नी-बरेलवी मुसलमानों का मरकज बरेली में आला हजरत उर्स मनाया जा रहा है। आला हजरत इमाम अहमद रजा खान के दीवानों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। देश-दुनिया से लाखों जायरीन अकीदत और मुहब्बत का नजराना लेकर बरेली पहुंचे हैं। आला हजरत की गलियां अकीदतमंदों से खचाखच भरी हैं। इस्लामिया इंटर कॉलेज से लेकर दरगाह आला हजरत, मदरसा जामिया नूरिया रजविया, जमात रजा-ए-मुस्तफा हेड और ऑल इंडिया रजा एक्शन कमेटी के मुख्यालय से लेकर मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर्रजा तक, आला हजरत के चाहने वाले नजर आ रहे हैं, सारा बरेली रूहानियत से सराबोर है। वहीं उर्स के मंच से उलमा ने कहा कि मुसलमानों को अपने देश प्रेम का सर्टिफिकेट देन की जरूरत नहीं है।
बरेली में 106वां उर्से रजवी शानो-शौकत और अदबो-एहतराम के साथ मनाया जा रहा है। इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान में दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की सरपरस्ती और सदारत में उर्से रजवी का मंच सजा है। जिसमें शामिल होने के लिए सुबह से ही चारों दिशाओं से भारी भीड़ का उमड़ना जारी है। इससे पहले रात को इस्लामिया में मैदान में कांफ्रेंस हुई। मुफ्ती सलीम नूरी ने अपने स्पीच में कहा कि जो सबसे बड़ा आशिके रसूल है, वही सच्चा मुसलमान और देश का बड़ा वफादार है। मुसलमानों को खुद के देशप्रेमी होने का किसी से प्रमाण देने की जरूरत नहीं है। हम अपने मजहब और मुल्क के सच्चे वफादार बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को आपने आप को किसी भी तरह कमतर आंकने की भी जरूरत नहीं है। आला हजरत का वफादार कल भी अपने मजहब का और अपने मुल्क का वफादार था और हमेशा रहेगा। उलेमा ने देश के लिए अपनी कुर्बानियां दी हैं। उन्होंने जुआ, नशाखोरी आदि सामाजिक बुराईयों से भी बचने का पैगाम दिया है।
मुसलमानों ने पी है इश्क-ए-रसूल की घुट्टी
संचालक कारी यूसुफ रजा संभली ने कहा कि आला हजरत ने मुसलमानों को इश्क ए रसूल की घुट्टी पिलाई है। जब-जब मज़हबी, रूहानी, खानकाही जरूरत पेश आई, आला हजरत और उनकी औलादों ने नेतृत्व किया। आला हजरत ने इश्के रसूल की बुनियाद पर इल्म के गहरे समंदर में डूब कर बेशकीमती मोती हासिल कर लिए थे। आज उसी इल्म से दुनिया फैज पा रही है।
अपने जरूरत के मुताबिक करें सोशल मीडिया का इस्तेमाल
कारी इकबाल रजा मुरादाबादी ने कहा कि मसलक ए आला हजरत ही मसलक अहले सुन्नत और मसलक-ए-हक है। इसी पर सख्ती से कायम रहे। मौलाना सलीम रजा ने अपनी तकरीर में कहा कि आज का मुसलमान सोशल मीडिया का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ अपनी जरूरत के मुताबिक करे। दीनी मसले-मसाइल सुन्नी उलेमा से ही सीखें न कि सोशल मीडिया से। मौलाना आफाक रजा ने कहा कि आला हजरत अपनी पूरी जिदंगी लोगों के दिलों पर राज करते रहेंगे। मुफ्ती फारूक रजा कश्मीरी ने कहा कि हिंद में कन्या कुमारी से लेकर कश्मीर तक आला हजरत की तालीमात (शिक्षा) पर अमल किया जा रहा है। बरेली के मरकज पर पूरी दुनिया को फख्र है।