शाहजहांपुर: मेडिकल कालेज में वायरल बुखार, दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ी

मलेरिया के क्षमता से अधिक मरीज, रोजाना बनते हैं 1500 मर्चे

शाहजहांपुर: मेडिकल कालेज में वायरल बुखार, दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ी

शाहजहांपुर, अमृत विचार। जिले में वायरल बुखार तेजी से पांव पसार रहा है। राजकीय मेडिकल कालेज में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। मरीजों की मलेरिया की जांच के लिए सुबह से लोगों की भीड़ जमा हो जाती है। यह बीमारी बरसात में मच्छर व जलजनित बीमारियों से फैल रही है। मेडिकल कालेज में क्षमता से अधिक मरीज है।


राजकीय मेडिकल कालेज में 330 बेड का अस्पताल है। सभी बेड फुल हो चुके हे। अधिक मरीज होने के कारण सौ बेड अलग से डलवाए गए है। वर्तमान समय 330 मरीज भर्ती है। ओपीडी में रोजाना 1500 पर्चे बनते है। रोजाना 500 मरीज पुराने पर्चे के आते है। इमरजेंसी में मंगलवार की दोपहर तक 30 मरीज भर्ती हुए थे। ओपीडी और इमरजेंसी में अधिकांश मरीज वायरल बुखार और दस्त के आ रहे है। मलेरिया की जांच के लिए सुबह नौ बजे से मरीजों की लंबी लाइन लग जाती है। डाक्टरों के मुताबिक अधिकांश मरीज वायरल बुखार, साधारण बुखार और दस्त के है। बुखार के मरीजों का ब्लड की जांच करायी जाती है कि कहीं मरीज को मलेरिया बुखार तो नहीं है। दवा काउंटर पर मरीजों के लिए मरीजों की भीड़ लग जाती है। साथ ही पर्चा काउंटर पर दोपहर 12 बजे तक मरीजों के पर्चे बनते है। डाक्टरों के कक्ष के बाहर दोपहर एक बजे तक मरीजों की कतार लगी रहती है। शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र के मरीज अधिक आ रहे है। डॉ. एमएल अग्रवाल ने बताया कि अधिकांश मरीज वायरल बुखार, साधारण बुखार और दस्त के मरीज अधिक आ रहे है।  यह बीमारी बारिश के दौरान मच्छरों के काटने से फैल रही है। रोजाना तीन सौ अधिक मरीजों की मलेरिया की जांच हो रही है और मलेरिया बुखार के मरीज निकलते है।

दस बेड डेंगू मरीज के लिए आरक्षित
राजकीय मेडिकल कालेज में प्रथम मंजिल पर दस बेड डेंगू के मरीजों के लिए आरक्षित कर दिए गए है। क्यों कि मलेरिया के साथ डेंगू फैलने का खतरा बना रहता है। डाक्टरों की टीम को लगाया गया है। मलेरिया की जांच हो रही है और मलेरिया के रोगी निकल रहे है। मरीजों की प्लेटलेट्स भी तेजी से गिर रही है। मरीजों को ब्लड चढ़ाया जा रहा है।

मलेरिया के लक्षण
 सर्दी व कंपन के साथ एक दो दिन छोड़कर बुखार आना, तेज बुखार, उल्टी, सिरदर्द, बुखार उतरते समय खूब पसीना आना, बुखार उतरने के बाद थकावट व कमजोरी।

इन बातों का ध्यान रखें
दरवाजों व खिड़कियों में जाली लगवाएं, मच्छरदानी का नियमित प्रयोग करें, अनुपयोगी वस्तुओं में पानी एकत्र न होने दे, पानी की टंकी पूरी तरह से ढक कर रख दे, पूरी बांह वाली कमील व पैंट पहने, कूलर का पानी दो दिन बाद बदले, गड्ढों में जहां पानी एकत्र हो वहां पर जला हुआ डीजल डाल दे।

जिले में जनवरी से अब तक जांच के दौरान मलेरिया के 250 मरीज है। सबसे अधिक मरीज भावलखेड़ा ब्लाक में है, जहां 60 मरीज है। जिस जगह मलेरिया के मरीज मिलते है, वहां टीम भेजकर छिड़काव कराया जाता है। ब्लड जांच के लिए मेडिकल शिविर भी लगाए जा रहे है।
-डॉ. राजीव मौर्या, मलेरिया अधिकारी

मेडिकल कालेज में वायरल बुखार के अधिक मरीज आ रहे है। साथ ही मलेरिया बुखार के मरीज भी बढ़े है। बेड फुल होने पर सौ बेड बढ़ा दिए गए है। प्रत्येक मरीज का इलाज सही तरीके से हो रहा है और अस्पताल से दवाएं उपलब्ध करायी जा रही है।
-डॉ. नेपाल सिंह, सीएमएस

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