Auraiya News: घर से निकलने के लिए नहीं मिला रास्ता, दर-दर भटकता रहा पिता, सदमे से बेटी की मौत, जानिए पूरा मामला

रास्ता बंद होने के कारण पुत्री को लगा सदमा

Auraiya News: घर से निकलने के लिए नहीं मिला रास्ता, दर-दर भटकता रहा पिता, सदमे से बेटी की मौत, जानिए पूरा मामला

औरैया, अमृत विचार। अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति को घर से निकलने के लिए जब पड़ोसी ने रास्ता नहीं दिया तो वह तहरीर लेकर इधर-उधर भटकता रहा, जब इसकी खबर उसकी बेटी को लगी तो उसकी सदमे से बेटी की मौत हो गई। 

बीते दिन वह थाना दिवस में भी पहुंचा लेकिन उसे वहां से भी कोई आस नजर नही आई। जब इसकी खबर उसकी बेटी को लगी तो वह सदमे में आ गई और उसकी हालत खराब होने लगी। रास्ता बंद होने के चलते वह समय पर अस्पताल न पहुंच सकी और उसकी मौत हो गई। 

परिजनों ने रास्ता न होने का आरोप लगाते हुए बताया कि बेटी की मौत रास्ता बंद होने के कारण हुई है। घटना से परिजनों में कोहराम मच गया। बेटी की मौत पर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया और अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। सूचना पाकर पहुंची कोतवाली पुलिस ने आक्रोशित परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।

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अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के सोनासी गांव निवासी लाखन सिंह की 17 वर्षीय पुत्री चंचल की बीती शनिवार की देर रात मौत हो गई। रविवार की सुबह परिजनों ने हंगामा कर पुलिस को सूचना दी। आरोप है कि पड़ोसी ने घर से निकलने वाले रास्ते पर दीवार खड़ी कर दी। 

छत पर चढ़कर अन्य पड़ोसियों के जीने से उतर कर घर से निकलना पड़ता है। रास्ता न होने के कारण बेटी की हालत बिगड़ गई, वह बेटी को अस्पताल तक नहीं ले जा सका। जिससे बेटी की मौत हो गई। मौत की सूचना पाकर, गांव के लोग, उसके भाई की बनी कच्ची दीवार को तोड़कर लाखन सिंह के घर तक पहुंच सके। 

मौके पर सीओ अशोक कुमार सिंह, कोतवाल राजकुमार सिंह, अनंतराम चौकी प्रभारी जयेंद्र सिंह, 112 पी आर वी सहित पुलिस बल पहुंच गया। निकलने के लिए बंद किए गए रास्ते को खुलवाने और लेखपाल द्वारा गलत रिपोर्ट लगाने के कारण उसे हटाने की मांग करते हुए परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मना कर दिया। 

आरोप है कि थाना दिवस में लेखपाल की ओर से गलत प्रस्तुति देकर अधिकारियों को गुमराह किया गया। न्याय न मिलने की बात पुत्री को पता चली। चारों तरफ रास्ता बंद कर दिये जाने से घर मे कैद होकर रह जाने की बात कहते हुए वह सदमे में चली गई और मौत हो गई। कोतवाल राजकुमार सिंह ने परिजनों को समझा बुझाकर रास्ता खुलवाने का आश्वाशन देकर शव कब्जे मे लिया। पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। वहीं मामला राजस्व का होने के चलते, राजस्व विभाग से किसी कर्मचारी/अधिकारी के न पहुंचने को लेकर भी ग्रामीणों में आक्रोश रहा। 

कोतवाल राजकुमार सिंह ने बताया कि मामला राजस्व का है। फिलहाल स्थलीय निरीक्षण को देखते हुए मानवता के तौर पर आपसी सहमति के आधार पर, दीवार हटवाकर चार फीट का रास्ता दिलवाए जाने का आश्वाशन दिया गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। 

परिवार समेत दिल्ली चले गए थे

लाखन सिंह बीते कई वर्षों पहले, पत्नी नीलेश, पुत्रियों डोली, चंचल, पुत्र दीपक को लेकर दिल्ली चला गया था। रक्षाबंधन पर घर आया था। निकलने वाले रास्ते को बंद देख वह पड़ोसी के घर की छत होकर अपने घर पहुंच सका। रास्ता बंद करने का आरोप लगाते हुए दूसरी ओर के पड़ोसी फूलसिंह के खिलाफ वह प्रार्थना पत्र लेकर घूम रहा है।  थाना दिवस में भी वह प्रार्थना पत्र लेकर गया था। 

जिलाधिकारी से उसने मौके पर चलकर देखते हुए न्याय दिलाने की गुहार लगाई थी। किंतु उसे सिविल न्यायालय में मामला ले जाने को बात कहकर टरका दिया गया था। आरोप है कि लेखपाल की ओर से उच्चाधिकारियों को गलत रिपोर्ट दी गई। जिस वजह से उसकी समस्या का निस्तारण नही हो सका। और उसकी पुत्री की इसी वजह से सदमे मे मौत हो गई। तहसीलदार जीतेश वर्मा ने बताया कि मामला पारिवारिक है। पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी और उसे रास्ता दिलवाया जाएगा।

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