बरेली: विजय खुद भी कभी नहीं गया क्लास और मिल गई डिग्री, बस यहीं से हुई फर्जीवाड़े की शुरुआत

विजय शर्मा अपनी निगरानी में खुसरो अस्पताल में बनवाता था फर्जी डिग्री

बरेली: विजय खुद भी कभी नहीं गया क्लास और मिल गई डिग्री, बस यहीं से हुई फर्जीवाड़े की शुरुआत

बरेली,अमृत विचार। डी फार्मा की फर्जी डिग्री देकर चार सौ छात्रों से करीब 3.69 करोड़ की ठगी करने वाले खुसरो कॉलेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी का दाहिना हाथ और मास्टरमाइंड बताए जा रहे 25 हजार के इनामी विजय शर्मा को एसआईटी ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। विजय ने बताया कि उसने 2018 में बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी योगा साइंस (बीएनवाईएस) का कोर्स आंवला के नेशनल पैरामेडिकल कॉलेज से किया था जहां उसे क्लास में आए बगैर ही मार्कशीट और डिग्री दे दी गई थी। तभी उसे खुद भी ऐसा रैकेट चलाने का आयडिया आया।

कोर्ट में पेश करने से पहले की गई लंबी पूछताछ में उसने कई राज खोले। उसने 2019 में आस्था कंसलटेंसी रजिस्टर्ड कराई। इसी के जरिए उसने कमीशन लेकर फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के जरिए देवरनियां के आला हजरत फार्मेसी कॉलेज, आंवला के न्यू खुसरो फार्मेसी कॉलेज और अलीगंज के मोहन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी को बी फार्मा और डी फार्मा की मान्यता दिलाई। बताया, डी फार्मा के छात्रों को दी गईं फर्जी डिग्री और मार्कशीट उसने अपनी निगरानी में खुसरो अस्पताल में तैयार कराई थीं। पुलिस अधीक्षक नगर मानुष पारीक ने बताया कि फरार विजय शर्मा को झुमका तिराहे के पास से गिरफ्तार किया गया है। फर्जी डिग्री प्रकरण में अब तक चार केस दर्ज किए गए हैं। एसआईटी आगे कार्रवाई कर रही है। 

ऐसे खुला था फर्जीबाड़े का पूरा खेल
खुसरो कॉलेज में चार सौ छात्रों को डी फार्मा की फर्जी डिग्री देने का मामला कुछ दिन पहले तब तूल पकड़ा था जब कुछ छात्रों ने लाइसेंस और नौकरी के लिए आवेदन किया। सत्यापन में डिग्री फर्जी निकली तो छात्रों की ओर से थाना सीबीगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की ओर से इस प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था जिसने पिछले सप्ताह जाफरी और उसके बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। ठगी के इस खेल में जाफरी का दाहिना हाथ बताया जा रहा विजय शर्मा फरार हो गया था जिस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। 

इस तरह हुई जाफरी से डील फाइनल

एसआईटी की पूछताछ में विजय ने बताया कि उसने 2019 में आस्था कंसलटेंसी नाम से एक संस्था शुरू की थी जिसके जरिए कमीशन लेकर फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) से स्कूल-कॉलेजों को डी फार्मा और बी फार्मा की मान्यता दिलाने लगा। वर्ष 2020 में उसकी मुलाकात खुसरो कॉलेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी से हुई तो उसने उसके सामने प्रस्ताव रखा कि उसका कॉलेज इतना बड़ा है कि वह उसमें पैरामेडिकल कॉलेज भी खुलवा सकता है। बातचीत के बाद जाफरी से डील फाइनल हो गई और कॉलेज में डी फार्मा के दाखिला शुरू कर दिए गए।

नहीं मिली मान्यता तो फर्जी डिग्री दे दी

विजय ने बताया कि किसी कारणवश कॉलेज को डी फार्मा और बी फार्मा की मान्यता नहीं मिल पाई। इस बीच वे लोग चार सौ छात्रों से 3.70 करोड़ रुपये ले चुके थे। यह मामला गले में फंसा तो सभी छात्रों को फर्जी डिग्री दे दी गईं। ये डिग्री खुसरो अस्पताल में तैयार की गई थीं। इस मामले में रिपोर्ट दर्ज हुई तो साक्ष्य मिटाने के लिए सारे डाटा के साथ कंप्यूटर को भी नष्ट कर दिया गया। विजय पर तीन आपराधिक केस पहले से दर्ज हैं।

सर नाम बताएं, पांच मिनट में बना दूंगा मार्कशीट
एसपी सिटी ने विजय शर्मा से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह कैसी भी मार्कशीट तैयार कर सकता है। बोला, नाम बताइए, पांच मिनट में ऐसी मार्कशीट तैयार कर दूंगा जो कहीं आसानी से पकड़ में नहीं आएगी। बता दें कि खुसरो कॉलेज में डी फार्मा के छात्रों को उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश के विश्वविद्यालयों के साथ रुड़की के मदरहुड विश्वविद्यालय और कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री दी गई थीं।

बड़ा आदमी बनने के लिए शुरू किया फर्जीवाड़ा

विजय शर्मा ने बताया कि वर्ष 2012 में वह सोनाटा माइक्रो फाइनेंस में नौकरी करता था। मैनेजर के पद पर वह फरीदपुर और धामपुर में तैनात रहा। नौकरी करते हुए उसे लगा कि वह बड़ा आदमी नहीं बन पाएगा। इसके बाद उसने सहारा क्यू शॉप में घरेलू सामान की बाइंडिंग का काम शुरू किया। इसी बीच उसकी मुलाकात खुर्जा (बुलंदशहर) के प्रमोद कुमार शर्मा से हुई जो कॉलेजों को बी फार्मा और डी फार्मा की मान्यता दिलाता था। उसके साथ रहते हुए उसे डी फार्मा और बी फार्मा जैसे कई कोर्स और उनमें एडमिशन कराने के तरीकों का पता चला। इसके बाद उसने बरेली में फर्जीवाड़े का यह खेल शुरू किया।

पत्नी और कई परिचितों के खाते में लिए पैसे
एसआईटी की जांच में पता चला कि विजय ने जाफरी के खाते से 60 से 70 लाख रुपये की रकम अपने खाते में ली थी। अपनी पत्नी के एक्सिस बैंक के खाते के साथ कुछ परिचितों के खाते में भी जाफरी के बैंक खाते से रकम डलवाई थी। एसआईटी इन सभी लोगों को चिह्नित कर रही है।