'बांग्लादेश में हिंदू अकारण हिंसा झेल रहे, हमारे देश को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए', स्वतंत्रता दिवस पर बोले मोहन भागवत
नागपुर। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय पर लक्षित हमलों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वहां रहने वाले हिंदुओं को अकारण हिंसा का सामना करना पड़ रहा है और यह सुनिश्चित करना हमारे देश की जिम्मेदारी है कि उन्हें किसी भी तरह के अन्याय और अत्याचार का सामना न करना पड़े।
भागवत ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यहां महल क्षेत्र में आरएसएस मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद कहा, ‘‘आने वाली पीढ़ी का यह कर्तव्य है कि वह स्वतंत्रता के ‘स्व’ की रक्षा करे, क्योंकि दुनिया में हमेशा ऐसे लोग होते हैं जो दूसरे देशों पर हावी होना चाहते हैं और हमें उनसे सतर्क एवं सावधान रहना होगा तथा स्वयं को बचाना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति हमेशा एक जैसी नहीं रहती। कभी-कभी स्थिति अच्छी होती है, तो कभी-कभी स्थिति उतनी अच्छी नहीं होती। ये उतार-चढ़ाव तो चलते ही रहेंगे।’’
उन्होंने बांग्लादेश का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘हम अब स्थिति देख सकते हैं। पड़ोसी देश में काफी हिंसा हो रही है और वहां रहने वाले हिंदुओं को बिना किसी कारण के, इसका सामना करना पड़ रहा है।’’ आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘दूसरों की मदद करना भारत की परंपरा रही है। हमने पिछले कुछ वर्षों में देखा है कि भारत ने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया, बल्कि मुसीबत में फंसे लोगों की मदद की, भले ही उनका हमारे साथ कैसा भी व्यवहार रहा हो।’’
उन्होंने कहा कि इस स्थिति में हमें यह भी देखना है कि हमारा देश सुरक्षित रहे और साथ ही दूसरे देशों की भी मदद करनी है। भागवत ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करना हमारे देश की जिम्मेदारी है कि अस्थिरता और अराजकता की मार झेल रहे लोगों को किसी परेशानी, अन्याय और अत्याचार का सामना न करना पड़े। कुछ मामलों में सरकार को अपने स्तर पर भी देखना पड़ता है, लेकिन उसे ताकत तभी मिलती है जब समाज अपना कर्तव्य निभाता है और देश के लिए प्रतिबद्धता दिखाता है।’’
बांग्लादेश में पिछले दिनों प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद से कई हिंदू मंदिरों, हिंदू समुदाय के लोगों के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की खबरें हैं। नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर शेख हसीना नीत सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद देश में अव्यवस्था का माहौल हो गया। हसीना ने इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ कर भारत आ गईं।
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