Unnao: दुष्कर्म व एससीएसटी एक्ट के दोषी वीडीओ को आजीवन कारावास...लिफ्ट देने के बहाने युवती को बनाया था हवस का शिकार

लिफ्ट देने के बहाने युवती से किया था दुष्कर्म

Unnao: दुष्कर्म व एससीएसटी एक्ट के दोषी वीडीओ को आजीवन कारावास...लिफ्ट देने के बहाने युवती को बनाया था हवस का शिकार

उन्नाव, अमृत विचार। लिफ्ट देकर कार में दलित युवती से दुष्कर्म व जातिसूचक गालियां देने के आरोपी वीडीओ (ग्राम पंचायत अधिकारी) को कोर्ट ने दोषी ठहराया है। एडीजे ने उसे आजीवन कारावास के साथ 30 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।

बीघापुर कोतवाली क्षेत्र की निवासी एक युवती ने 18 जुलाई-2002 पुलिस को दी गई तहरीर में  बताया था कि 15 जुलाई-2002 को वह अपनी बुआ के बेटे श्रवण के साथ निराला डिग्री कालेज बीघापुर बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने जा रही थी। वह शिवगंज गांव के पास सुबह करीब 10 बजे वाहन का इंतजार कर रही थी। 

इसी दौरान गांव में कार्यरत ग्राम पंचायत अधिकारी सर्वेश कुमार पुत्र रामआसरे सिंह निवासी  हरिश्चन्द्रपुर थाना बारासगवर व सत्यनाम सिंह पुत्र गयाबक्स गांव रछोलिया थाना बारासगवर कार से आए  और विद्यालय तक छोड़ने के बहाने उसे गाड़ी में बैठा लिया था। 

काॅलेज रोड के पास गाड़ी रोककर भाई श्रवण को उतार दिया और कार लेकर रायबरेली की ओर चल दिए थे। विरोध करने पर चालक सत्यनाम ने पिस्तौल लगाकर मुंह बंद रखने की हिदायत दी। आगे जाकर कार में इनका एक साथी दिलीप सिंह भी बैठ गया। सुनसान जगह पर कार रोक दिलीप व सत्यनाम उतर गए। 

इसके बाद असलहे की नोक पर सर्वेश ने उससे दुष्कर्म किया था। बाद में सत्यनाम ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया था। देररात सभी उसे बुआ के घर के पास छोड़कर भाग गए। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करते हुए 20 जुलाई-2002 को सर्वेश समेत चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने पर्याप्त साक्ष्य जुटाते हुए 20 अगस्त-2002 को चार्जशीट पेश की थी। 

लंबे समय से मुकदमा एससीएसटी एक्ट न्यायालय में विचाराधीन था। मंगलवार को मुकदमे की अंतिम पूरी हुई। शासकीय अधिवक्ता जगन्नाथ प्रसाद कुशवाहा द्वारा पेश की गई दलीलों व प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर ग्राम पंचायत अधिकारी सर्वेश कुमार को कोर्ट ने आजीवन कारावास व 30 हजार रुपये अर्थदंड  की सजा सुनाई। वहीं अन्य तीन आरोपियों को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।