Exclusive: पहला लोको इंजन पहुंचा पनकी पॉवर प्लांट; हार्न से हुआ ‘शंखनाद’, अगस्त के अंत में शुरू होगा कोयले से बिजली का वाणिज्यिक उत्पादन
कानपुर, विकास कुमार। आठ साल से बंद पनकी पॉवर प्लांट की चिमनियों से एक बार फिर धुंआ निकलते हुए शहरवासियों को दिखेगा। अगस्त के अंत में यहां कोयले से बिजली का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो जाएगा। प्लांट में कोयला झारखंड की खदानों से आएगा।
पनकी में 660 मेगावाट पॉवर प्लांट का निर्माण किया जा रहा है, जिसमे कार्य लगभग पूरा हो चुका है। प्लांट में कोयला लाने के लिए 14 करोड़ रुपये से वाराणसी के डीएलडब्ल्यूसे दो लोको इंजन खरीदे गए हैं, जिनमे से एक इंजन मंगलवार को पॉवर प्लांट आ गया है।
पनकी पॉवर प्लांट के मुख्य महाप्रबंधक गणेश कुमार मिश्रा ने लोको इंजन का स्वागत झंडी दिखाकर किया। इंजन के हॉर्न से प्लांट में शंखनाद हुआ और पूजा की गई। मुख्य महाप्रबंधक गणेश कुमार मिश्रा ने बताया कि अगस्त के अंतिम सप्ताह में प्लांट में कोयले से बिजली का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो जाएगा।
प्लांट में कोयला झारखंड की खदानों से आएगा। इसके लिए दो लोको इंजन खरीदे गए हैं। इन लोको इंजनों का काम झारखंड की खदानों से आने वाली कोयले की रेक को पनकी साइडिंग से पॉवर प्लांट तक लाना और खाली रेक को वापस साइडिंग तक ले जाना होगा। इसके लिए पॉवर प्लांट को बना रही बीएचईएल ने 22 किलोमीटर तक रेलवे पटरियां भी बिछाई हैं। प्लांट को चालू करने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।
पनकी प्लांट में किए गए ट्रायल हुए सफल
पनकी पॉवर प्लांट में लाइटअप का प्रोसेस सफल हो चुका है, जिसमें अधिकारियों ने स्टीम मशीन, सर्किट आदि मशीनों की चेकिंग की और चिमनी से धुआं बाहर निकाला। चिमनियों का धुआं बाहर निकालने के लिए और बॉयलर में दबाव मेनटेन करने के लिए आरडी फैन व कोयला गर्म करने में एफडी फैन का संचालन किया गया था, जो सफल रहा है। साथ ही प्लांट के कंप्रेशर व एयरफ्री हीटर का भी ट्रायल किया जा चुका है। ट्रायल होने पर चिमनी से करीब आठ साल बाद धुआं बाहर निकाला था
ये है पनकी पॉवर प्लांट का इतिहास
पनकी पावर हाउस में प्रथम स्टेज का काम वर्ष 1967 में शुरू हुआ था। तब क्षमता 32 मेगावाट थी। वर्ष 1977 में यहां से 110 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हुआ। लेकिन मशीनें पुरानी होने की वजह से पनकी पॉवर प्लांट का संचालन वर्ष 2016 में बंद हो गया था।
तीसरे स्टेज में वर्ष 2018 में इसे दोबारा चालू करने की कवायद शुरू हुई। तब वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पनकी पॉवर प्लांट में 660 मेगावाट की नई यूनिट की आधारशिला रखी थी। जनवरी 2022 में इसका निर्माण पूरा होना था। लेकिन कोरोना की वजह से काम बंद हो गया था। संक्रमण का प्रभाव कम होने पर अब काफी तेजी से कार्य किया जा रहा है।