कालाढूंगी: एथेनॉल प्लांट के विरोध में पांच घंटे तक तहसील में डटे ग्रामीण 

कालाढूंगी: एथेनॉल प्लांट के विरोध में पांच घंटे तक तहसील में डटे ग्रामीण 

कालाढूंगी, अमृत विचार। चकलुवा सुरपुर गांव में बन रही एथेनॉल प्लांट का निमार्ण बंद न होने पर ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया। गांव बचाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में चकलुवा, कोटाबाग, बैलपड़ाव व कालाढूंगी क्षेत्र के ग्रामीणों ने तहसील परिसर पहुंचकर एसडीएम कार्यलाय के सामने धरने पर बैठकर अधिकारियों, विधायक, सांसद व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

एसडीएम की ओर से 12 बिन्दुओं पर जिलाधिकारी से वार्ता कर जांच व अग्रिम आदेश तक प्लांट का निर्माण बंद रखने के लिखित आदेश के बाद ही ग्रामीण माने। वहीं ग्रामीणों की ओर से निर्माण कार्य बंद न होने व मानकों की जांच न करने पर सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी से शासन-प्रशासन के हाथ पांव फूल गये। 

गुरुवार को गांव बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले सुबह 10 बजे ही चकलुवा, कोटाबाग, कालाढूंगी व बैलपड़ाव के ग्रामीण तहसील में पहुंचने लगे। वहीं प्रशासन की ओर से तहसील परिसर में ताले लगाकर ग्रामीणों को रोका गया। जिस पर समिति के लोग एसडीएम रेखा कोहली से तहसील में अंदर बैठने की परमिशन लेकर बैठने लगे।

देखते ही देखते तहसील में 300 से अधिक ग्रामीणों ने पहुंचकर एसडीएम, तहसील प्रशासन, सरकार, विधायक सांसद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीण दीपक जलाल ने कहा कि प्रशासन के मिली भगत से मानकों को ताक में रखकर एथेनॉल प्लांट का निमार्ण हो रहा है। भाजपा मंडल अध्यक्ष विक्रम जंतवाल ने कहा कि प्रदूषण बोर्ड, रोड, प्राधिकरण बोर्ड सहित अनेक मानकों के एनओसी नहीं है।

महिला ज्योति चूफाल ने कहा कि प्लांट से निकलने वाले धुएं से क्षेत्र में बच्चे, बूढे़ बीमार होंगे। उनके भविष्य के लिए हमें यह लड़ाई लड़ रहे हैं। महिला आशा देवी ने कहा एथेनॉल  प्लांट से हमारे बाग-बगीचे, फसलें चौपट हो जायेगी। हमारी प्रशासन से मांग है प्लांट बंद हो। प्रधान मिनाक्षी आर्या ने कहा कि एथेनॉल प्लांट के लिए सभी ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। हमारी मांगें नहीं मांगी गयी तो भूख हड़ताड़ के साथ आत्मदाह के लिए मजबूर होंगे।

कनिष्ठ प्रमुख कुलदीप तड़ियाल ने कहा कि सरकार, शासन व प्रशासन ने ग्रामीणों के लिए अपनी आंखें बंद व कान बंद किये हुए हैं सरकार व अधिकारियों की तानाशाही नहीं चलेगी। ग्रामीणों ने बताया कि बीते ढाई साल से राज्य के मुख्या सीएम, डीएम, सांसद, विधायक व अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाकर थक गये हैं। ऐसे पूंजीपतियों के आगे सरकार, अधिकारी नमनस्त क्यों है क्यों मानकों की जांच नहीं हो रही है। इस दौरान ग्रामीणों ने कालाढूंगी प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाये। कालाढूंगी पहुंचे एडीएम शिवचरण द्विवेदी ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण अपनी जिद पर अडे़ रहे।

एसडीएम रेखा कोहली ने द्वारा उच्चअधिकारीयों से वार्ता कर सुरक्षा के मध्यनजर अग्रिम आदेशों तक प्लांट का निमार्ण कार्य बंद करने के लिखित आश्वासन दिया। तब ग्रामीण शांत हुए। इस दौरान हरीश मेहरा, कुंदन बसेड़ा, क्षेपंस विरेन्द्र कुमार, विनोद बुढलाकोटी, इन्द्र अटवाल, गोपाल बुढलाकोटी, अनिल वालिया, दीपक जलाल, पप्पू कन्याल, दीवान सिंह बिष्ट, गोविन्द चौहान, जगतार सिंह, परविन्दर सिंह, लक्ष्मण सिंह देउपा, मोहन सिंह खोलिया, कमल जंतवाल, कमलेश देउपा, भगवान कुमटीया, तारा चंद्र, राहुल पंत, भगवान सिंह रौतेला, राजकुमार पांडे, अरविन्द कुमार सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।

छावनी में बदली तहसील 
ग्रामीणों के एक सप्ताह पहले सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी पर कालाढूंगी व जिला प्रशासन हरकरत में आ गया। सुबह से ही जिले भर की पुलिस, आईआरबी प्रथम बैलपड़ाव के जवान, एलआईयू तहसील के आस-पास तैनात रही। इस दौरान आय-जाति व अन्य प्रमाण पत्रों के साथ अभिलेखों का कार्य नहीं हो पाया जिसे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।