50 फीसदी लोगों में लिवर सिरोसिस का कारण एल्कोहल, नहीं रखा ध्यान तो हो जाएगी गड़बड़
लखनऊ, अमृत विचार: 50 फीसदी मामलों में लिवर सिरोसिस का कारण एल्कोहल सामने आ रहा है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के पेट रोग विभाग में लिवर सिरोसिस के साथ आने वाले मरीजों में कारण का अध्ययन करने पर यह देखने को मिला है। इसके अलावा अन्य मामलों में अत्यधिक मोटापा, हेपेटाइटिस भी सिरोसिस के कारण होते हैं।
संस्थान के गैस्ट्रोइंट्रोलाजिस्ट प्रो. गौरव पाण्डेय ने साझा की डॉ. गौरव पाण्डेय के मुताबिक सिरोसिस एक धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारी है जिसमें लिवर की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती है। लिवर एक बहुत ही मजबूत अंग है और आमतौर पर अपनी क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को फिर से बना सकता है। सिरोसिस तब विकसित होता है जब लगातार एल्कोहल का सेवन किया जाता है या लंबे समय तक क्रोनिक संक्रमण मौजूद रहता है। सिरोसिस लिवर को सिकोड़ कर सख्त कर देती है, जिससे पोषक तत्वों से भरपूर रक्त पोर्टल शिरा के माध्यम से लिवर में प्रवाहित होने से रोकता है। पोर्टल शिरा पाचन तंत्र से महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को लिवर तक ले जाने वाले रक्त को ले जाती है। जब रक्त लिवर में नहीं जा पाता है तो पोर्टल शिरा में दबाव बढ़ जाता है, जिससे पोर्टल हाइपरटेंशन नामक एक गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है। यह उच्च दबाव प्रणाली एसोफैगल वैरिकाज़ ( वैरिकाज नसों की तरह) की ओर ले जाती है जो फट सकती है और खून बह सकता है, अगर सही समय पर उसका इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकता है।
किडनी में खून का प्रवाह बढ़ाने से कम होता है पेट का पानी
डॉ.गौरव ने बताया लिवर सिरोसिस के केस में पेट में पानी भर जाता है। जिसकी वजह से खून का प्रवाह कम होने से किडनी ख़राब होने का ख़तरा बढ़ जाता है। ऐसे में आजकल कुछ नई दवाओं की खोज की गई है जिसकी मदद से किडनी में खून का प्रवाह बढ़ाया जाता है तो पेट का पानी कम पड़ने लगता है और किडनी भी सही से काम करने लगती है। यही नहीं नई नई दवाओं से अन्य आर्गन भी बचाए जाते हैं जिससे मरीज का जीवन बढ़ जाता है।
बिना डॉक्टर के सलाह दवा लेना खराब कर रहा लिवर
किडनी, लिवर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्चना श्रीवास्तव ने बताया लिवर को हो रहे नुकसान की एक बड़ी वजह अब दवाएं बनती जा रही हैं। दुनिया भर में दवा के मिसयूज की वजह से 10 से 20 प्रतिशत तक लिवर खराब हो रहे हैं। भारत में भी इसकी वजह से लिवर खराब होने का आंकड़ा जो पहले 2 से 3 प्रतिशत था, अब वह बढ़कर 10 प्रतिशत से अधिक पहुंच गया है। कोरोना के समय और कोरोना के बाद इम्यूनिटी बढ़ाने, बॉडी स्ट्रेंथ के लिए बिना डॉक्टरी सलाह के मनमाने प्रोटीन सप्लिमेंट्स का इस्तेमाल करना, पेन किलर, एंटीबायोटिक्स, टीबी की दवा लेने से लिवर को इंजरी हो रही है। गर्भवती, बुज़ुर्ग, डायबिटीज के मरीज, कम वजन वाले लोग, उन्हें कोई भी दवा सोच समझकर लेनी चाहिए। अपने मन से कोई भी दवा, चाहे प्रोटीन सप्लिमेंट्स हो या एंटीबायोटिक या पेन किलर यह खतरनाक है और उनके लिए उनकी दवा ही जहर बन जाती है। इसलिए जागरूकता जरूरी है, बिना जाने-समझे दवा का इस्तेमाल न करें।