Cyber Fraud: साइबर ठग नए-नए पैंतरों से लूट रहे गाढ़ी कमाई, जागरूकता ही बचाव का एकमात्र साधन, खुद को बचाएं ऐसे...

साइबर ठग रोजाना खातों से पैसे उड़ा रहे

Cyber Fraud: साइबर ठग नए-नए पैंतरों से लूट रहे गाढ़ी कमाई, जागरूकता ही बचाव का एकमात्र साधन, खुद को बचाएं ऐसे...

कानपुर, अमृत विचार। डिजिटल युग में साइबर अपराधी नए-नए पैतरें आजमा कर लोगों की गाढ़ी कमाई पर सेंध लगा रहे हैं। समय के साथ हैकर भी अपने को अपडेट कर जालजासी के तरीकों में बदलाव कर रहे हैं। ऐसे में खुद को जागरूक कर ही इनके शातिराना खेल से बचा जा सकता है। साइबर सेल की क्राइम ब्रांच ने शहर के लोगों से अपील की है किसी भी अंजान व्यक्ति से किसी प्रकार का कोई मैसेज न शेयर करें। 

साइबर सेल इंस्पेक्टर हरमीत सिंह के अनुसार हैकिंग करना इन लोगों के लिए सबसे आम है। इसमें ठग किसी व्यक्ति के निजी फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर या किसी भी डिवाइस को उनकी अनुमति के बिना हैक कर लेते हैं। ठगों के पास उस व्यक्ति की सभी जानकारी पहुंच जाती है। इसके बाद हैकर्स उस व्यक्ति से संपर्क करके उसे ब्लैकमेल करने लगते और मुद्दे को दबाने के लिए भारी रकम वसूलते हैं। 

इसी कारण किसी भी अंजान व्यक्ति से अपना पासवर्ड और ओटीपी नहीं शेयर करना चाहिए। इंस्पेक्टर के अनुसार ठग का एक और भी तरीका साइबर स्टॉकिंग का है। वर्तमान में बच्चा हो या बूढ़ा हर कोई ज्यादा से ज्यादा समय सोशल मीडिया पर बिता रहे हैं। ऐसे में ठग साइबर स्टॉकिंग के माध्यम से बार-बार परेशान करते हैं और उन्हें धमकी भरे मैसेज, बार-बार फोन करना, अश्लील तस्वीरें भेजना और ऐसी ही कई तरह की गलत हरकतें करते हैं। कई मामलों में बच्चे इनके चंगुल में फंस चुके हैं। 

साइबर सेल इंस्पेक्टर के अनुसार सोशल मीडिया पर कम समय बिताएं और कोई भी अंजान लिंक को न खोलें। ऑनलाइन ठगी के मामलों में भी बहुत तेजी से इजाफा हुआ है। साइबर ठग हैकिंग के माध्यम से उपभोक्ता की बैंकिंग से जुड़ी जानकारियां चुरा लेते हैं और इसके माध्यम से बैंक अकाउंट से पूरी रकम साफ कर दी जाती है। इसमें अपराधी संबंधित व्यक्ति को कॉल करते हैं और उन्हें किसी न किसी चीज का लालच देकर फंसाते हैं। उपभोक्ता के ओटीपी या कंफर्मेशन कोड शेयर करने पर रकम उड़ जाती है। 

इंस्पेक्टर के अनुसार कहीं फ्री वाईफाई सेवा मिलती है तो लोग तुरंत उसे इस्तेमाल करने लगते हैं। ये फ्री इंटरनेट लोगों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। दरअसल, कुछ हैकर आपकी निजी जानकारी चुराने के लिए लोगों को फ्री वाईफाई का लालच देते हैं और जैसे ही कोई अपने डिवाइस को उस वाईफाई से कनेक्ट करता है तो डिवाइस की सारी जानकारी हैकर के पास चली जाती है। ऐसे भी कई मामले साइबर सेल की क्राइम ब्रांच के आ चुके हैं।  

अकाउंटों में रखें स्ट्रांग पासवर्ड

साइबर इंस्पेक्टर के अनुसार सभी सोशल मीडिया अकाउंटों में स्ट्रांग पासवर्ड रखना चाहिए। लापरवाही के कारण एक ही पासवर्ड लंबे समय तक लगा कर रखें या कोई एक ही पासवर्ड अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट पर लगाकर रखें। ऐसा करने वाले खुद मुसीबत को बुलावा देते हैं। सभी को अपना पासवर्ड नियमित रूप से बदलते रहना चाहिए, ताकि कोई भी उसे क्रैक ना कर सके।

अनजाने लिंक पर कभी क्लिक न करें

अक्सर साइबर ठग, लोगों को ईमेल या मैसेज के जरिए स्पैम लिंक भेजते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति इस लिंक पर क्लिक करता है, तो उसके डिवाइस की सारी जानकारी हैकर के पास पहुंच जाती है। ऐसे में बहुत जरूरी है, कि आप अपने आपको अपडेट करें कि आपको किस लिंक पर क्लिक करना है, और किस पर नहीं करना। 
 
ये हथकंडे अपनाकर भी की जा रही ठगी 

- शापिंग कैश ऑन डिलिवरी कैंसल कराने के नाम पर।
- ईएमआई सैटल कराने के नाम पर।
- बिना ओटीपी सिर्फ मिस्ड कॉल के जरिए।
- ऑनलाइन सेल का विज्ञापन देखकर ग्राहक बनकर घर आकर।
- वॉट्सएप हैक करके, रिश्तेदारों से बात करके मदद मांगकर।

खुद को बचाएं ऐसे 

- अज्ञात कॉल या संदेशों से सावधान रहें।
- यदि कोई अज्ञात व्यक्ति या साइबर ठग फोन करता है या संदेश भेजता है और खुद को पुलिस अधिकारी बताता है, तो सावधान होकर पुलिस से संपर्क करें। 
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले उनकी पहचान सत्यापित करें।
- यदि कोई यूपीकॉप एप का उपयोग करके धमकाता है या आपसे रुपयों की मांग करता है, तो तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचना दें।
- किसी भी तरह के ऑफर और लालच में ना आएं।
- फेसबुक, ट्विटर आईडी का पासवर्ड स्ट्रांग रखें, सरल पासवर्ड न रखें।
- बैंक कर्मचारी कभी भी फोन पर डिटेल नहीं मांगते हैं।

यह भी रखें ध्यान 

साइबर फ्रॉड का शिकार होने के बाद तुरंत साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930 पर सूचना देकर शिकायत दर्ज कराएं। इसके साथ ही डायल 112 पर भी जानकारी दें और cybercrime.gov.in पर मेल करें।

साइबर ठग नए-नए पैंतरों से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। किसी भी अंजान व्यक्ति को अपना पासवर्ड कतई न शेयर करें। समय के साथ ठगों ने भी अपने तरीकों को अपडेट किया है, ऐसे में खुद को जागरूक करते ही इनसे बचा जा सकता है।- हरमीत सिंह, साइबर सेल इंस्पेक्टर

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