CSU में पालि कार्याशाला का आयोजन, प्रशिक्षक ने गिनाई पालि की विशेषताएं
लखनऊ, अमृत विचार: केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में बौद्धदर्शन एवं पालि विद्याशाखा द्वारा व्यवहारिक व्याकरण सीखने का आयोजन हुआ। पालि सिखाते हुए प्रशिक्षक ने आधुनिक तकनीकी ज्ञान तथा भाषा शिक्षण प्रविधि की जानकारी दी।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रशिक्षक डॉ. प्रफुल्ल गड़पाल ने बताया कि आसानी से पालि सिखायी जा सकती है। इनोवेटिव लर्निंग (नवाचारी शिक्षण) के जरिए पालि को देश के घर-घर तक पहुंचाया जा सकता है। इसी प्रकार इस माध्यम से विदेशी जिज्ञासु भी पालि भाषा के व्याकरणिक ज्ञान का लाभ ले सकते हैं। आज सोशल मीडिया के माध्यम से पालि के अभिनव शिक्षण तन्त्र को विकसित किया जा रहा है। भविष्य में इसकी मदद से पालि सीखना सरल हो जायेगा। इसी प्रकार डॉ. प्रफुल्ल गड़पाल ने कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक की शिक्षा के लिए तैयार की गयी पुस्तिकाएं भी पालि सीखने में मददगार सिद्ध होगी।