Exclusive News: कानपुर में 40 साल बाद फिर बाहर आया सिख विरोधी दंगे का जिन्न...सिखों की मौत का सरकारी आंकड़ा बताया गलत

श्री गुरु सिंह सभा ने कई नए तथ्य जोड़कर मुसीबत बढ़ाई, सिखों की मौत का सरकारी आंकड़ा गलत बताया

Exclusive News: कानपुर में 40 साल बाद फिर बाहर आया सिख विरोधी दंगे का जिन्न...सिखों की मौत का सरकारी आंकड़ा बताया गलत

कानपुर, (जमीर सिद्दीकी)। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में सिख विरोधी हिंसा फैली थी, जिसमें बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। यूपी सरकार के रिकार्ड में 127 मौतें दर्ज हैं, लेकिन श्री गुरु सिंह सभा कानपुर महानगर के चेयरमैन एवं पूर्व एमएलसी सरदार कुलदीप सिंह ने 1984 की घटना में कई नए तथ्य जोड़कर जांच, मुआवजा और मृतकों की संख्या को लेकर सरकार के सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी है। पूर्व एमएलसी ने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। 

पूर्व एमएलसी का कहना है कि केंद्र सरकार से उत्तर प्रदेश सरकार तक सिख दंगा पीड़ितों के पक्ष में कोई नहीं खड़ा है। जस्टिस रंगनाथ मिश्रा आयोग ने घटना की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा था कि यूपी में 127 सिखों की दंगे में जान गई जबकि आरटीआई के माध्यम से मरने वालों की संख्या 141 दी गई है। इसी वजह यह है कि ट्रेन, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे पर जो लोग मारे गए, उनकी कोई गिनती ही नहीं हुई।

गुमशुदगी दर्ज कराई तो पुलिस ने 8 साल इंतजार करने को कहा

श्री गुरु सिंह सभा कानपुर के चेयरमैन सरदार कुलदीप सिंह ने कहा कि तमाम ऐसे सिख समाज के लोग हैं जिनके परिवार के लोगों को ट्रेन, बस में मार दिया गया। जब उनके परिजनों ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की तो थाने से कहा गया कि 8 साल इंतजार करिए, यदि 8 साल तक नहीं आते हैं तो कार्रवाई होगी। उनका दावा है कि दर्जनों लोग ऐसे हैं जिनका आजतक कुछ पता नहीं है।

2017 में प्रमुख सचिव ने हाईकोर्ट को सौंपे थे आंकड़े  

13 सितंबर 2017 को यूपी के प्रमुख सचिव ने हाईकोर्ट को हलफनामा सौंपा था कि यूपी में 1984 के दंगे में 204 लोगों को 6 करोड़ 65 लाख रुपये मुआवजा दिया गया है। दंगे में घायल 7 सिखों को 12 लाख, 19 हजार रुपये आवंटित किया गया। पलायन करने वाले 58 सिख परिवारों को 3695 हजार रुपये बांटे गए। संपत्ति नुकसान के लिए 9424 पीड़ितों को 18 करोड़, 50 लाख दिए गए।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा 

सरदार कुलदीप सिंह ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान व अन्य मुस्लिम देशों से गैर मुस्लिमों को भारत लाने के लिए कानून में बदलाव किया गया है, लेकिन 1984 में कितने ही सिख परिवार भय के कारण पलायन कर गए, ऐसे में पहले उन सिख परिवारों का पुनर्वास करें, उसके बाद दूसरे देशों के लोगों को भारत में नागरिकता दें।

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