अयोध्या बाढ़ संकट: प्रशासन बेखबर, ग्रामीणों ने खुद किए ये इंतजाम

निजी स्टीमर बना हजारों लोगों के आवागमन का साधन, 50 रूपए प्रति फेरा हो रही यात्रियों से वसूली

अयोध्या बाढ़ संकट: प्रशासन बेखबर, ग्रामीणों ने खुद किए ये इंतजाम

सोहावल/अयोध्या, अमृत विचार। सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से तलहटी में बसे दर्जन भर से ज्यादा गांव के वासिंदों की नींद उड़ गई है। प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहे सरयू नदी के जलस्तर से ढेमवा पुल का रास्ता बंद हो गया है। ऐसे में नबाबगंज-गोंडा मार्ग तक जाने के लिए निजी ठेकेदार ने अपना स्टीमर नदी में उतार कर लोगों को सरयू पार जाने का साधन बना दिया है।

जहां प्रति यात्री बाइक सहित 50 रुपए की वसूली की जा रही है। वहीं बिना वाहन उतरने वालों को 20 रुपए देना पड़ रहा है। सरयू पार मांझा के लगभग आधा दर्जन गांवों से जुड़े प्रभावित हो रहे लोगों ने नदी से पुल तक आने के लिए सीढ़ी बना ली है। इसके रास्ते महिलाएं बच्चे ही नहीं बुजुर्ग और साइकिल सामान तक पुल पर लाया जा रहा है।

सरयू नदी और ढेमवा पुल के आसपास हर वर्ष बाढ़ और कटान की विभीषिका देखने को मिलती है। हर दिन अपना तेवर दिखा रही यहां सरयू नदी रविवार को और उफान पर नजर आई। 24 घंटे में नदी की रफ्तार ने सैकड़ों बीघा जमीन पर खड़ी फसल को अपनी कब्जे में ले लिया।

बाढ़ प्रभावित गांव के राम बहादुर, केशव राम, जगजीवन, राम सुघर आदि ने बताया सरयू पार माझा के गांव साखीपुर, ब्योंदा, बहादुर पुर, राजाराम पुरवा, दत्त नगर, गोकुला बन गांव, चरौठा, विसनोहरपुर इस पार के गांव मंगलसी, धन्नीपुर, रौनाही, इब्राहिमपुर, निदूरा, सहित दर्जनों गांव के लोगों का आवागमन इस मार्ग से प्रतिदिन होता चला आ रहा है। लगभग 5 वर्ष पहले शुरू हुए इस पुल की सुरक्षा को लेकर भी खतरा पैदा हो गया है। उत्तरी किनारे से पुल के एप्रोच मार्ग की कटान ने आने जाने वालो को खतरे की घंटी बजा दी है।

वर्जन

आज गोंडा जनपद की छोर पर यात्रियों और स्टीमर चलाने वालो में कुछ विवाद सुनाई पड़ा है। उधर की पुलिस और अधिकारी आए थे। शासन स्तर से अभी किसी तरह का निर्देश और योजना बाढ़ और कटान को लेकर नही मिली है...,पंकज सिंह प्रभारी, निरीक्षक रौनाही थाना।

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