पीलीभीत:मरने से पहले तेंदुए ने बाघ से किए थे दो-दो हाथ, इसी संघर्ष में गई थी जान

पोस्टमार्टम में गर्दन पर मिले गहरे घाव के निशान, शरीर के अन्य अंग सुरक्षित

पीलीभीत:मरने से पहले तेंदुए ने बाघ से किए थे दो-दो हाथ, इसी संघर्ष में गई थी जान

पीलीभीत, अमृत विचार। हरीपुर रेंज में तेंदुए की मौत आपसी संघर्ष में हुई थी। पोस्टमार्टम के दौरान तेंदुए की गर्दन में बाघ के पंजे के निशान मिले हैं। वहीं उसके शरीर के अन्य सभी अंग पूरी तरह सुरक्षित है। वन अफसरों की मानें तो बाघ के हमले में घायल होने के बाद तेंदुए की मौत हुई है।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व की हरीपुर रेंज में बीते गुरुवार को गश्त के दौरान तेंदुए ने एक वन वॉचर पर हमला कर दिया था। हमले के दौरान वन वॉचर तो भाग निकला, लेकिन हमला करने वाला तेंदुआ हमले के बाद उसी स्थान पर गिर गया। सूचना मिलने पर डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने पशु चिकित्साधिकारी डॉ. दक्ष गंगवार को टीम के साथ मौके पर भेजा। टीम जब तक मौके पर पहुंची तब तक तेंदुए की मौत हो चुकी थी। टीम तेंदुए के शव को लेकर मुख्यालय आ गई। जहां अगले दिन शुक्रवार को पशु चिकित्सकों के तीन सदस्यीय पैनल द्वारा मृत तेंदुए को पोस्टमार्टम किया गया था। इधर पोस्टमार्टम के दौरान तेंदुए के गर्दन में गहरे घाव के निशान मिले हैं, जबकि उसके शरीर के अन्य सभी अंग पूरी तरह सुरक्षित पाए गए हैं। घाव के निशान बाघ के पंजे द्वारा होना बताया जा रहा है। वन अफसरों के मुताबिक तेंदुए की मौत बाघ के हमले हुई है।

पहले से घात लगाए बैठा था बाघ

संभवता बाघ पहले से घात लगाए बैठा होगा, तेंदुए के आते ही बाघ उसके ऊपर झपट पड़ा और उनके नुकीले पंजे तेंदुए की गर्दन में लग गए। इस संबंध में पीटीआर के उप प्रभागीय वनाधिकारी रमेश चौहान ने बताया कि पोस्टमार्टम में तेंदुए के गर्दन में गहरे घाव के निशान पाए गए हैं। अन्य सभी अंग पूरी तरह सुरक्षित पाए गए हैं। आपसी संघर्ष में तेंदुए की मौत हुई है।