बरेली: चार साल से भटक रहीं महिलाएं, कभी बजट का रोना, कभी कुछ और बहाना

पारिवारिक लाभ योजना का महिलाओं को नहीं मिल पा रहा लाभ, चक्कर लगा रही हैं एजाज नगर गौटिया की महिलाएं

बरेली: चार साल से भटक रहीं महिलाएं, कभी बजट का रोना, कभी कुछ और बहाना

बरेली, अमृत विचार। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के अंतर्गत सहायता राशि लेने के लिए महिलाएं विभाग के चक्कर काट-काट कर परेशान हैं। उनकी फरियाद सुनने वाला कोई भी नहीं। महिलाओं का कहना है कि कार्यालय में जाओ तो कोई ठीक से जवाब ही नहीं मिलता।

जिला समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय पर मिलीं एजाज नगर की महिलाओं ने बताया कि वे तीन-चार साल से भटक रही हैं, लेकिन उन्हें कोई स्पष्ट जवाब ही नहीं दिया जाता। अपनी फरियाद लेकर वे कई बार तहसील दिवस में भी पेश हुईं। पार्षदों के माध्यम से भी अपने बात अधिकारियों तक पहुंचाई, पर कोई समाधान न निकल सका। चार साल पहले आवेदन करने वाली महिलाओं ने बताया कि दिसंबर में नए सत्र का बजट आने पर लाभ मिलने की बात कही गई, लेकिन इस सत्र के बजट में भी उन्हें कुछ नहीं मिल सका।

बोले पार्षद, हम साथ जाएं तो बता देते हैं दलाल
एजाज नगर गौटिया के पूर्व पार्षद मुशर्रफ अंसारी ने बताया कि फरियाद लेकर जाने पर समाज कल्याण अधिकारी दुर्व्यवहार करती हैं। उन्होंने तो लोगों की समस्याएं लेकर समाज कल्याण विभाग में जाना ही बंद कर दिया है। विभाग में अकेले फरियादी की नहीं सुनी जाती है। यदि जनप्रतिनिधि उनके साथ जाते हैं तो उन्हें दलाल बता कर दुर्व्यवहार किया जाता है। इस विषय पर जब समाज कल्याण अधिकारी मीनाक्षी वर्मा से उनका पक्ष जानना चाहा तो उनका फोन नहीं उठा। इस पर राष्ट्रीय परिवार कल्याण योजना का काम देख रहे बाबू से बात की तो उन्होंने बताया कि नए सत्र का बजट आचार संहिता की वजह से नहीं आ सका था। 6 जून को आचार संहिता हटी है। एक-दो दिन में बजट आएगा तब पात्र महिलाओं को लाभ मिल सकेगा।

महिलाओं ने कुछ यूं बयां की अपनी पीड़ा
चार साल पहले पति की मौत हो गई थी। इसके बाद पारिवारिक लाभ योजना का फॉर्म भरा था। अब तक हमें कोई लाभ नहीं मिल पाया है। जब भी कार्यालय में आओ तो कहा जाता है कि अगले महीने पैसा मिल जाएगा, पर चार साल बीत गए, अब तक कुछ नहीं मिला-मन्ना

2020 में पारिवारिक लाभ योजना का फॉर्म भरा था। चार साल बीत चुके हैं, लेकिन आज तक हमें कोई सहायता नहीं मिल सकी। हर बार कोई न कोई टालमटोल करके हमें वापस कर दिया जाता है। कई बार तहसील दिवस में भी शिकायत की, पर कुछ नहीं मिल सका-मेहताब जहां

मैंने दो साल पहले पारिवारिक योजना से सहायता लेने के लिए फाॅर्म भरा था। बहुत गरीबी का समय काट रहे हैं। दो बच्चों की जिम्मेदारी सिर पर है, उम्मीद थी कि पैसा मिलेगा तो कुछ राहत मिल जाएगी। विकास भवन के चक्कर इसी उम्मीद में लगाती हूं कि शायद पैसा आ गया हो, पर हर बार वापस लौटना पड़ता है-कैसर बानो

मेरे पति की मृत्यु दो साल पहले हो गई थी। इसके बाद मैंने पारिवारिक लाभ योजना का फाॅर्म भरा था। घर में काफी तंगी का महौल है। दफ्तर के चक्कर काट-काटकर परेशान हो चुकी हूं। अब तक पैसा नहीं आया है। जब भी आओ, कुछ न कुछ बहाना बना दिया जाता है-नूरुल निशा

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