न सिम न डाटा कैसे होगी शिक्षकों की डिजीटल उपस्थिति !  

न सिम न डाटा कैसे होगी शिक्षकों की डिजीटल उपस्थिति !  

Highlight

-1792 परिषदीय विद्यालयों के पांच हजार से अधिक शिक्षक संकट में
-मानीटरिंग करेंगे जिला स्तरीय अधिकारी, समाया कार्रवाई का डर

अयोध्या, अमृत विचार: जिले के 1792 परिषदीय विद्यालयों के पांच हजार से अधिक शिक्षक गजब संकट में फंस गए हैं। सोमवार से परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन शुरू हो रहा है, तो जिलाधिकारी ने डिजिटल उपस्थिति के लिए 17 अधिकारियों को नोडल नामित कर रखा है। सबसे बड़ा संकट यह भी है कि डिजिटल उपस्थिति को लेकर अभी तक शिक्षकों को न सिम और न ही डाटा मिला है, ऐसे में कार्रवाई का खौफ भी समाया हुआ है।

परिषदीय विद्यालयों में सोमवार से बाकायदा पठन-पाठन शुरू हो रहा है। शुक्रवार और शनिवार को दो दिन स्कूल खुले तो उसमें समर कैंप में तमाम गतिविधियों का संचालन किया गया था। इधर जिलाधिकारी द्वारा जिला स्तरीय अधिकारियों को कल प्रार्थना सभा और डिजिटल उपस्थिति को लेकर नोडल नामित कर रखा है। संकट यह है कि एक ओर जहां शिक्षक डिजिटल उपस्थिति से किनारा कस रहे हैं वहीं अभी तक सिम कार्ड भी नहीं उपलब्ध कराया गया है। शिक्षकों ने पहले ही कह रखा है कि व्यक्तिगत सिम कार्ड और डाटा से डिजिटल उपस्थिति नहीं करेगें। शिक्षक अशोक कुमार का कहना है कि विभाग द्वारा जब डाटा उपलब्ध कराया जायेगा तभी डिजिटल उपस्थिति संभव है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत स्तर पर सभी रजिस्टरों को डिजिटल किया जाना संभव नहीं है। नगर क्षेत्र के शिक्षक महताब आलम ने कहा कि शासन स्तर पर जबरन दबाव अनुचित है। इसी बीच शुक्रवार को जिलाधिकारी द्वारा विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों को 17 से अधिक परिषदीय विद्यालयों में नोडल अधिकारी नामित कर दिया है, जो न केवल प्रार्थना सभा में मौजूद रहेगें बल्कि डिजिटल उपस्थिति का भी सत्यापन करेगें। जिसके चलते शिक्षकों में कार्रवाई का भय भी समाया हुआ है। बताया जाता है कि सोमवार को खुल रहे परिषदीय विद्यालयों में शासन द्वारा डिजिटल उपस्थिति अनिवार्य की गई है। इसमें छात्रों की भी डिजिटल उपस्थिति दर्ज की जानी है और 12 रजिस्टरों का भी डिजिटलाइजेशन किया जाना है। बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने बताया कि डिजिटल उपस्थिति अनिवार्य की गई है। सिम और डाटा उपलब्ध कराया जा रहा है।