लखनऊ: पीलिया से ग्रसित था युवक, झाड़फूंक के फेर में गई जान
लखनऊ, अमृत विचार: पीलिया से ग्रस्त सीतापुर निवासी युवक की इलाज न मिलने के अभाव में मौत हो गई। अंधविश्वास के चलते परिजन उसका इलाज कराने के बजाय झाड़फूंक कराने में समय गवां दिया। हालात बिगड़ने पर उसे बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया। यहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
सीतापुर, तंबौर के शिवपुर, लुहिया गांव निवासी महेश कुमार (35) पीलिया की बीमारी से ग्रसित था। बड़े भाई दिनेश कुमार ने बताया कि सोमवार को हालात बिगड़ने पर उसे ग्रामीणों की सलाह पर जलालपुर के नजदीक एक गांव में तांत्रिक के पास ले जाया गया था। उसने महेश पर तंत्र विद्या किए जाने की बात कही। ठीक करने के लिए उसने 7 हजार रुपये तक का खर्चा बताया। मजदूरी करने वाले परिवार ने इतनी रकम देने में असमर्थता जताई। इस पर तांत्रिक ने दो हजार के खर्च में ठीक करने का दावा किया। उसने एक यंत्र बनाकर दे दिया। इसके बाद भी हालत में सुधार के बजाय बिगड़ती चली गई।
बस से लेकर पहुंचे राजधानी
दिनेश ने बताया कि हालात बिगड़ने पर गुरुवार को परिजन उसे लेकर बस से जानकीपुरम पहुंचे। यहां एक परिचित की झोपड़पट्टी में रात बिताने के बाद शुक्रवार की दोपहर करीब 12 बजे ई-रिक्शा से लेकर बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी लाए। यहां डॉक्टरों ने ईसीजी करने के बाद मरने की पुष्टि कर दी। परिजनों ने 108 एम्बुलेंस सेवा के बारे में जानकारी न होने की बात कही।
शव वाहन के लिए भी नहीं थे रुपये
परिजनों के पास शव ले जाने के लिए शव वाहन के लिए भी रुपये नहीं थे। वह शव को ई-रिक्शे से लेकर जाने लगे। इस पर अस्पताल प्रशासन ने निशुल्क शव वाहन का बंदोबस्त कर शव को भिजवाया।
युवक को मृत हालात में लाया गया था। इमरजेंसी में जांच के बाद उसे मृत घोषित किया गया। डॉक्टरों के पूछने पर परिजनों ने झाड़फूंक कराने की बात कही थी-डॉ. हिमांशु, चिकित्सा अधीक्षक, बलरामपुर अस्पताल
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