Kanpur: माताओं को नहीं मिल रहा मातृत्व वंदना योजना का लाभ, पोर्टल बंद होने से आ रही दिक्कतें

Kanpur: माताओं को नहीं मिल रहा मातृत्व वंदना योजना का लाभ, पोर्टल बंद होने से आ रही दिक्कतें

कानपुर, अमृत विचार। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का पोर्टल बंद होने के कारण जिले की लाभार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पोर्टल बंद होने से लाभार्थी आवेदन भी नहीं कर पा रही हैं। इस वजह से लाभार्थियों को शासन से मिलने वाली आर्थिक सहायता भी नहीं मिल पा रही है। पोर्टल बंद होने से दो विभागों के फेर में भुगतान भी फंसा है।  

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की शुरुआत वर्ष 2017 में की थी। योजना का उद्देश्य गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता मुहैया कराना है। योजना से मिलने वाली आर्थिक सहायता से लाभार्थी स्वास्थ्य संबंधी उचित सुविधाएं ले सकती हैं और खानपान पर भी ध्यान रख सकतीं हैं। 

साथ ही मिलने वाली आर्थिक मदद से जन्म के समय बच्चे की सही देखरेख भी कर सकती हैं। ऐसा गर्भवती व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए किया जा रहा है। योजना के तहत पहला बच्चा होने पर माता को दो किस्त में पांच हजार रुपये और दूसरी बार प्रसव में बेटी होने पर छह हजार देने का प्रवधान है। लेकिन फरवरी माह के बाद से माताओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। 

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से जानकारी करने पर पता चला कि आचार संहिता के चलते मार्च से योजना के तहत भुगतान पर रोक लगा दी गई है। योजना के संचालन की जिम्मेदारी एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) को सौंप गई है। अग्रिम आदेश तक आईसीडीएस विभाग को ही योजना का लाभ देना है। जबकि मार्च से लेकर अब तक तीन हजार से अधिक महिलाएं आवेदन कर चुकी हैं। लेकिन स्वास्थ्य और एकीकृत बाल विकास सेवा के बीच अब मामला फंसा है। 

वित्तीय वर्ष 2023-24 में नहीं पूरा हो सका था लक्ष्य 

शासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग को वित्तीय वर्ष 2023-24 में 28,382 महिलाओं को योजना के तहत अनुदान देने का लक्ष्य दिया गया था। लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस लक्ष्य के आधे आवेदन भी नहीं करा पाया था। जबकि सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए आतीं हैं। 

आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2023-24 में 11,870 आवेदन आए थे, जिन्हे लाभ भी मिला। पोर्टल बंद होने से माताओं को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वह सीएमओ कार्यालय जाती हैं तो उन्हें आईसीडीएस में भुगतान की बात कहीं जाती है। जब माताएं विकास भवन स्थित कार्यालय जाती हैं तो उन्हें सीएमओ कार्यालय का रास्ता दिखा दिया जाता है।  

मार्च माह से पोर्टल बंद हो गया है। इस वजह से उसमे कोई रिकॉर्ड नहीं दिख रहा है। फरवरी तक 11,870 महिलाओं को लाभ दिया जा चुका है। अब योजना का लाभ बाल विकास सेवा की ओर से दिया जाएगा। इसके लिए बजट भी आ चुका है।-डॉ.आलोक रंजन, सीएमओ

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